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Image Credits: ABPlive
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भारत में सूरज की पहली किरण पड़ती है अरुणाचल प्रदेश में. भगवान परशुराम ने उगते सूरज की धरती को 'अरुणाचल' नाम दिया है. यहीं पर है भारत का पहला गाँव 'किबिथू'. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत करी. भारत सरकार 2022 से 2026 तक 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय एलोकेशन के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) को मंजूरी दी है. जिसमें 2,500 करोड़ रुपये विशेष रूप से सड़क संपर्क के लिए दिए गए है. 'वाइब्रेंट विलेज योजना' में यह प्रावधान किया गया है कि नल से जल, बिजली, रसोई गैस, वित्तीय समावेश, डिजिटल और भौतिक संपर्क और रोजगार के अवसर दूर-दराज के सीमावर्ती गांवों में उपलब्ध होंगे.
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने इस दौरे में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी अरुणाचल प्रदेश की महिलाओं से बातचीत की. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने पारम्परिक उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई. इसका अवलोकन अमित शाह ने किया और साथ ही उनके बनाये उत्पादों और प्रयासों की सराहना करी. उन्होंने भाषण के पहले इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और महिलाओं के रोज़गार पर बात करी. साथ ही उन्होंने कहा की भारत के पहले गाँव में SHG प्रयास सराहनीय है.
गृहमंत्री ने कहा- "पेमा खांडू जी के नेतृत्व में मैंने यहाँ 6600 स्वयं सदाहयता समूहों का काम देखा. इन SHG को तैयार करने के बाद 53,000 से ज़्यादा महिलाओं को रोजगार मिला." अमित शाह ने गांव की इन महिलाओं की उपलब्धि को देखकर ख़ुशी जताई और कहा- "यह बहुत बड़ी बात है उन महिलाओं के लिए, जो इन छोटे गाँव में रहकर सशक्त हो रही है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इन महिलाओं को अपना हुनर और काबिलियत दिखाने के लिए मार्किट और रोजगार मिल रहा है. मैं इस उपलब्धि के लिए पेमा खांडू जी को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ."
गृहमंत्री के शब्दों और पूर्वोत्तर राज्यों में SHG की प्रगति से यह साबित होता है की स्वयं सहायता समूह के दम पर आर्थिक और सामाजिक आज़ादी की लहर अब देश के हर कोने में पहुंच गयी है. इसे एक आर्थिक क्रांति बनाने में ज़रुरत है तो बस सरकार के साथ की और प्रोत्साहन की.