झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल (governor) सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने कहा कि स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था (rural economy) को बढ़ावा दे रहे हैं और महिला सशक्तीकरण (women empowerment) की ओर अग्रसर हैं. 'लोक संवाद' (Lok Samvad) कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने अधिक महिलाओं से स्वयं सहायता समूहों (SHG) में शामिल होने और ज़मीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जिले में 1 लाख से ज़्यादा महिलाएं SHG में शामिल हुई हैं, जिससे उनका सशक्तिकरण हुआ और उनके परिवारों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है." 24 जिलों में फैले 30 हज़ार गांवों में 2.78 लाख SHG में से, बैंकों ने 2.26 लाख SHG को 6,511 करोड़ रुपये का ऋण दिया है.
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SHG से आ रहे सामाजिक बदलाव (Social change) की राज्यपाल ने प्रशंसा की. समूह सदस्य ने अपनी सफलता और बदलाव की कहानी साझा की. समूह सदस्य ने बताया, "मेरे परिवार की वित्तीय स्थिति खराब थी. समूह में शामिल होने के बाद, मैंने ऋण लिया और बकरी पालन शुरू किया और एक किराने की दुकान भी खोली. अब, मैं प्रति माह 20 हज़ार रुपये तक कमा रही हूं और अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में भेज रही हूं.''
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की सफलता पर भी ख़ुशी जताई. उन्होंने कहा, "मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि योजना के तहत 50 हज़ार से ज़्यादा घर बनाए गए हैं. हमारा लक्ष्य है कि हर बेघर व्यक्ति के पास अपना घर हो."
राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी स्कूल के छात्रों के साथ भी बातचीत की, जिस स्कूल को 'उत्कृष्ट विद्यालय' का दर्जा दिया गया है. उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने का आग्रह किया.