सिक्किम में पर्यावरण संरक्षण की पहल करती SHG महिलाएं

सिंगल यूज़ प्लास्टिक कैंप में Self Help Groups की महिलाएं प्लास्टिक का इस्तेमाल करके टोकरी, कैरी बैग, सर्विंग बाउल, और योगा मैट बना रहीं है.  

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हेमा वाजपेयी
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Image Credits : Curly Tales

सिक्किम (Sikkimजो अपने प्राकृतिक खूबसूरती के साथ अपने सांस्कृतिक धरोहर, उत्कृष्ट बागवानी और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. सिक्किम के पहाड़ियों में बसा हुआ ग्यालशिंग (Gyalshingशहर, जो पेमयांग्त्से बुद्धिस्ट मॉनास्ट्री (Pemayangtse buddhist Monasteryऔर खेचोपलरी झील (Khecheopalri Lake) के लिए मशहूर है. 

पर्यावरण को बचाने के लिए लगाया गया कैंप  

यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, शान्ति और धार्मिक महत्व वाली जगहें, यहां के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ग्यालशिंग के पर्यटन स्थलों की आकर्षकता और सौंदर्य को बचाने के लिए एक पहल शुरू की गई, कलेक्टर यिशी डी. योंगडा के नेतृत्व में, सिंगल यूज़ प्लास्टिक के प्रबंधन के लिए दो दिन का कैंप लगवाया गया.

प्लास्टिक के प्रोडक्ट्स बना रहे SHGs

कैंप में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रबंधन के साथ सामान बनाने की कला भी सिखाई गई. इस कैंप में Self Help Groups की महिलाएं प्लास्टिक का इस्तेमाल करके टोकरी, कैरी बैग, सर्विंग बाउल, और योगा मैट बना रहीं है.  

प्लास्टिक से बने हुए प्रोडक्ट्स को वन धन केंद्रों (Van Dhan Centre) के जरिए बेचा जायेगा. यह प्रोडक्ट्स डिमांड के अनुसार तैयार किए जा रहे है. ट्रेनिंग के समय उपयोगी प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिससे महिलाएं आसानी से इन प्रोडक्ट्स को बनाकर बेचने के साथ खुद भी इस्तेमाल कर सके. इससे SHGs महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे साथ ही महिलाएं आर्थिक सशक्त होकर समाज में अपनी पहचान बना रहीं है.

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