ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर पैनल (Rooftop Solar Panel), जिन्हें आमतौर पर एक शहरी चीज़ माना जाता है, ग्रामीण तेलंगाना (Rural Telangana) की छतों पर दिखाई देने लगे हैं. यह मुमकिन हो पाया है स्त्री निधि की वजह से. स्त्री निधि (Stree Nidhi) एक सहकारी ऋण सुविधा यही जिसे स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups-SHG) और राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया गया है. अपनी क्लाइमेट फाइनेंसिंग इनीशियेटिव्स (Climate Financing Initiatives) पहल के तहत, क्रेडिट कोऑपरेटिव फेडरेशन ने राज्य में 10 जिलों के 49 गांवों में 205 घरों की छतों पर ग्रिड से जुड़े फोटोवोल्टिक सिस्टम लगवाने के लिए आर्थिक सहायता की है. कामारेड्डी, जगतियाल, संगारेड्डी, मेडक, निर्मल, निजामाबाद, जनगांव, करीमनगर, सूर्यापेट और आदिलाबाद जिले में सफलतापूर्वक ये काम हुआ है.
इसकी वजह से हर महीने हर घर में कम से कम 150 यूनिट बिजली की बचत हुई है, जो हर साल कम से कम 3.7 लाख यूनिट हो जाती है. बचत के इन आंकड़ों को देखते हुए, स्त्री निधि अधिकारियों ने साल ख़त्म होने तक 10 हज़ार फोटोवोल्टिक सिस्टम लगाने का लक्ष्य तय किया है. यह योजना ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर सिस्टम के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर निर्भर है, जिसे तेलंगाना स्टेट रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (TSREDCO) और बिजली वितरण कंपनियों का सहयोग भी मिला है.
स्थापना की कुल लागत का लगभग 20% योजना के तहत सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा, और बचा हुआ भुगतान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा. जिसके लिए स्त्री निधि सहायता करती है, और लोन देती है. लोन 60 महीनों में चुकाया जायेगा जिस पर हर साल 11% की ब्याज दर देनी होगी. यह योजना केवल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को दी जाती है, जिनके पास स्वयं का आरसीसी भवन है या राज्य सरकार द्वारा 160 से 200 वर्ग फुट की छत के साथ दिया गया डबल बेडरूम का घर है.
“हमारा बिजली बिल बहुत कम हो गया है, और हम हर महीने ग्रिड में बड़ी संख्या में यूनिट्स का योगदान कर रहे हैं, जिसके लिए डिस्कॉम हमें ₹ 4.5 प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान कर देता है. लोन का भुगतान पांच वर्षों में किया जाएगा, लेकिन इसका लाभ अगले 25 वर्षों तक मिलता रहेगा. बिजली शुल्क लगातार बढ़ रहा है, मुझे खुशी है कि मैंने ये विकल्प चुना है," कामारेड्डी जिले के थिम्मापुर गांव के स्वयं सहायता समूह की एक दर्जी और ग्राम संगठन सहायक दुर्गा भवानी ने बताया, जहां 15 सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं.
हमने इस साल में 10 हज़ार एसएचजी सदस्यों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है. यह पहल न केवल ऊर्जा आपूर्ति के समय में मदद करेगी बल्कि अगले 25 सालों में बिजली पर होने वाले खर्च को भी काफी कम कर देगी.' स्त्री निधि के मैनेजिंग डायरेक्टर जी विद्यासागर रेड्डी ने कहा.