देश भर में बने स्वयं सहायता समूह, महिलाओं की आर्थिक आज़ादी के लिए भरसक प्रयास करते रहे है. अपने जैसी महिलाओं को उनकी परेशानियों से निकालने और समाज की कुप्रथाओं को ख़त्म करने के लिए ही इन समूहों को बनाया गया. थोड़े पैसे जमा करके जब ये महिलाएं अपनी परेशानियों से लड़ने के लिए मैदान में उतरती है, तब उनमें एक अलग तरह का जोश होता है. इस सफर में आगे इन स्वयं सहायता समूहों को राज्य की सरकार और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन मदद देना शुरू कर देते है.
तेलंगाना में भी एक ऐसा ही सफल प्रयास 'स्त्री निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड' के साथ हुआ. बैंकिंग क्षेत्र के क्रेडिट प्रवाह का साथ देने के लिए तेलंगाना सरकार और मंडल सांख्यों ने इस कोऑपरेटिव फेडरेशन कि शुरुआत करी. यह राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में सामने आया. स्त्री निधि गरीबी उन्मूलन के लिए सोसाइटी फॉर एलिमिनेशन ऑफ़ रूरल पॉवर्टी (SERP) का हिस्सा है जो SHG सदस्यों को समय पर और कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करता है.
इस स्कीम से SHG, अपने मोबाइल से ही क्रेडिट प्राप्त कर सकते है और वह भी कम ब्याज दरों पर. इस व्यवस्था के आने से अब ग्रामीण महिलाओं को अन्य जगह से उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती. स्त्री निधि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, डेयरी, और अन्य गतिविधियों में जरूरतों के हिसाब से ऋण की जरूरतों को पूरा करने के साथ यह लोन 48 घंटों में क्रेडिट करता है. ऐसा इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि क्रेडिट उपलब्धता 'एमएस और वीओ' (वॉलेंट्री ऑर्गेनाइज़ेशन) ग्रेडिंग से जुड़ी हुई है.
स्त्रिनिधि से 1.59 लाख SHGs के 5.3 लाख सदस्यों ने मदद प्राप्त की है. स्त्री निधि कोओपरेटिव 2022 -23 वित्तीय वर्ष में 2710 करोड़ रुपये का लोन तेलंगाना में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रदान कर रहा है. फेडरेशन ने हाल ही में आयोजित अपनी 10वीं आम सभा की बैठक में इस कदम को उठाने की बात की . बैठक के दौरान मंडला समाख्या के कार्यकाल को मौजूदा एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष करने और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की मृत्यु के मामले में 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज बढ़ाने पर भी निर्णय लिया गया.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी इस कोओपरेटिव का पूरा साथ दिया और इसके द्वारा की जाने वाली सेवा और सहायताओं की बहुत सरहाना की. तेलंगाना के पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री ई दयाकर राव ने कहा - "तेलंगाना स्त्री निधि अब अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श है. स्त्री निधि के संचालन से प्रभावित होकर, राजस्थान सरकार इस कॉन्सेप्ट के कदमों कर चल रही है." इस कार्यक्रम में कर्मचारियों को उनके इनपुट और प्रदर्शन में निरंतरता के लिए मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया.
तेलंगाना में 'स्त्री निधि' के इस कदम से SHGs को अपनी और अपने जैसी महिलाओं की आर्थिक हालत सुधाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी. जिस तरह राजस्थान क सरकार ने भी इस कदम से प्रेरित होकर अपने राज्य में भी ऐसी कोओपरेटिव को शुरू करने की ठानी है, उसी तरह अगर पुरे देश की सरकार इस काम में लग जाए तो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपनी ज़िन्दगी सुधारने में कोई परेशानी नहीं होगी.