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टोडा समुदाय, जो अपनी एम्ब्रायडरी के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है, आज किसी और कारण से सबकी बातों का हिस्सा बन चुका है. अपनी कम्युनिटी को संजो के रखा है, तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ में बसने वाले इन लोगों ने. अपनी कशीदाकारी पर तो गर्व था ही इन्हे, लेकिन आज उस बेटी पर भी गर्व है, जिसने पहली बार में भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को क्वालीफाई कर लिया है. आर नीथुसिन, ऊटी के गार्डन मुंड की रहने वाली, नरशथोर कुट्टन और निथ्या लक्ष्मी की बेटी और भविष्य की होने वाली एक डॉक्टर.
वह अपने समुदाय की पहली लड़की है जिसने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की परीक्षा को पहले एटेम्पट में ही पर कर लिया है. आर नीथुसिन बड़े गर्व के साथ कहती है- “मैं रोमांचित हूं कि मैंने अपने समुदाय से पहली छात्रा के रूप में NEET परीक्षा उत्तीर्ण की. मैं हमेशा से वंचित लोगों और हमारे समाज की सेवा करने के लिए डॉक्टरी करना चाहती थी." नीथुसिन के पिता सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं में इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करते हैं. छोटे से परिवार की इस लड़की ने NEET जैसे इतनी मुश्किल परीक्षा को उत्तीर्ण कर के टोडा कम्युनिटी के लिए इतिहास रच दिया है. बिना कोचिंग किसी सुख सुविधा की इस बेटी ने साबित कर दिया की अगर ठान लो तो सब आसान है.