भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के कारण United Nations (UN) ने 2023 को Millets Year घोषित किया है. इसीलिए भारत में मिलेट्स की प्रसिद्धि बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास किया जातें रहें है. इसी कड़ी में आगे एक हिस्सा बनते हुए उत्तराखंड को 'श्रीअन्न' (बाजरा) फसल का केंद्र बिंदु कहा गया है. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने उत्तराखंड के किसान महिलाओं की तारीफ कर कहा- "उत्तराखंड के किसानों परिवारों ने अपने ही घर से अनाज खरीद और मार्केटिंग का यह जो फार्मूला अपनाया है, वह उत्तर प्रदेश कि किसान महिलाओं से भी लागू कराया जाएगा. दोनों राज्य मिलकर श्रीअन्न फसलों के उत्पादन में देश का नाम आगे ले जा सकते हैं."
उत्तराखंड के हाथीबड़कला में स्थित सर्वे स्टेडियम में आयोजित महोत्सव में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी राज्य में श्रीअन्न फसलों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा- "उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में मिलेट्स के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहे हैं." उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य है, जिसने 'मिलेट मिशन' की शुरुआत की. उत्तराखंड पहला राज्य है जहां public distribution system (PDS) के माध्यम से लोगों को मंडुआ (Ragi) उपलब्ध कराया जाएगा. किसानों से MSP पर ragi लेने पर महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को प्रति किलो मंडुवे पर 1.50 रुपये प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है. 2025 तक उत्तराखंड राज्य के सवा लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है. उत्तरखंड और उत्तरप्रदेश की सरकार की ओर से की जा रही यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने में बहुत बड़ा कदम साबित होगी.
देश में मिलेट्स की प्रसिद्धि बढ़ाने में self help group की दीदियां बहुत साथ दे रही है. कितने प्रकार के खाने के उत्पाद, जो बाजरा और रागी से बने है, यह महिलाएं हमेशा से बनती आ रही है. इस पहल से उन्हें अपने जीवन में आजीविका तैयार करने का एक बहुत बड़ा मौका मिलेगा.