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वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड देश भर में स्वसहायता समूहों (SHG) को साथ जोड़कर सूक्ष्म (माइक्रो) होम लोन सेक्शन को बड़ा करने वाला है. भारत में मॉर्गेज लोन यानी वह लोन जो किसी चीज़ जैसे घर, ज़मीन को गिरवी रख कर लिया जाता है वह सकल घरेलु उत्पाद (GDP) का 11 % है. इस तरह यह इकॉनमी का बहुत ही छोटा हिस्सा है. इस बड़े सेगमेंट और अवसर को भुनाने की कोशिश में वास्तु फाइनेंस है.
मॉर्गेज लोन को बढ़ाने के लिए वास्तु हाउसिंग फाइनेंस के मुताबिक़ माइक्रो हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को ज़्यादा से ज़्यादा करने की जरूरत है. यह काम प्रधानमंत्री आवास योजना और दूसरी सरकारी योजनाओं के अंतर्गत बन रहे घरों से बढ़ा तो है लेकिन अगर हाउसिंग फाइनेंस में बेहतर दर पर लोन मिले तो यह और भी तेज़ी से बढ़ेगा. हाउसिंग फाइनेंस कंपनीयों का एवरेज होम लोन टिकट यानी वो एवरेज राशि जिसका होम लोन उठाया जाता है वह ₹12.5 लाख है. इसको क़रीब 6 - 7 लाख पर लाने की कोशिश में वास्तु हाउसिंग फाइनेंस है. इस एवरेज तक पहुंचने और माइक्रो हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो बढ़ाने के लिए SHG सबसे कारगर उपाय है.
जैसा की हम जानते है, SHG में 15-20 महिला सदस्य शामिल होती हैं, जो पहले अपनी बचत जमा करती हैं और जरूरतमंद सदस्यों को छोटे लोन देती हैं. एक बार जब स्वयं सहायता समूह अपने खर्चो और बचत के लिए पैसे जमा कर लेता है, तो वह अपनी ज़रूरतों की मात्रा को बढ़ाने के लिए बैंक या छोटे फाइनेंस इंस्टीटूशन से उधार ले सकता है. 31 मार्च, 2022 तक, लगभग 67.4 लाख SHGs के पास ₹1,51,051 करोड़ का लोन भुगतान है.
इस तरह संख्या बल तो SHG के पास है ही साथ ही जब महिला लोन लेती है तो वो सुरक्षित लोन हो जाता है. SHG के साथ माइक्रो हाउसिंग फाइनेंस विन विन सिचुएशन में है. घर की ज़िम्मेदारी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारियों में से एक है. वास्तु हाउसिंग फाइनेंस, अगर इस कदम को SHG महिलाओं के साथ और उनके हितों को साधते हुए बढ़ता है तो ज़रूर कामयाब होगा.