आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) से जुड़ी महिलाएं अब खुद अपने पैरों पर खड़ी हैं. इन आत्मनिर्भर दीदियों ने समाज को नई पहचान दी. किसी भी समाज में महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है. इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है. विदिशा (Vidisha) के रविंद्र नाथ टैगौर ऑडिटोरियम (Rabindra Nath Auditorium) में आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की सदस्यों को यह बात कलेक्टर उमाशंकर भार्गव (Umashankar Bhargava) ने कही. इस ट्रेनिंग में जिले की सभी तहसीलों के स्वयं सहायता समूह की सदस्य शामिल हुईं. इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ IAS डॉ.योगेश भरसट भी मौजूद थे. सीईओ डॉ. योगेश ने कहा कि महिलाएं अब स्वाभिमान से जी सकती हैं. वे जिस भी हुनर को जानती हैं, उसकी ट्रेनिंग (Training) दिलवाई जाएगी. ज्यादा से ज्यादा महिलाएं समूह (SHG) से जुड़ें और शासन की योजनाओं का लाभ लें.
आजीविका मिशन (Ajeevika mission) से जुड़े सभी समूहों की प्रदेश भर में ट्रेनिंग करवाई जा रही है.अलग-अलग जिलों में कलेक्टर,सीईओ जिला पंचायत के अलावा विशेषज्ञों को बुलाकर समूह सदस्य महिलाओं को नए रोजगार के अवसर बताए जा रहे. पिछले कुछ सालों में ही इन घरेलु कामकाजी महिलाओं के साथ मजदूरी के लिए मजबूर महिलाओं ने नया मुकाम हासिल कर लिया. कृषि, हैंडमेड आइटम के साथ खाद्य सामग्री बना कर लघु उद्योग तक चला रहीं.
ऑडिटोरियम में बैठी स्वयं सहायता समूह की सदस्य
आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक एसके चौरसिया ने बताया कि जिले में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार ट्रेनिंग करवाई जा रही है. इस ट्रेनिंग में महिलाओं को बताया गया कि योजनाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है. ट्रेनिंग में शामिल महिलाएं उनके द्वारा तैयार सामान भी ले कर पहुंची. खाने के आइटम परोसे गए. समूह की सदस्यों को बताया गया कि शासन की लाड़ली बहना योजना की वे भी पात्र हैं. हर महीने मिलने वाले रुपए की मदद मिल सकेगी. इस ट्वेनिंग आगनबाड़ी कार्यकर्त्ता भी शामिल हुईं.