प्रतियोगिता के ज़रिये 10 हज़ार किलो प्लास्टिक वेस्ट हुआ इकट्ठा

वेस्ट कलेक्शन प्रतियोगिता को थौबल खुनौ स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट परिसर में आयोजित किया गया. कुल मिलाकर 24 एसएचजी ने प्रतियोगिता में भाग लिया जिससे कुल 10,880 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया गया.

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मिस्बाह
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waste collection competition

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स्कूल,कॉलेज छोड़ने के बाद कहां किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिलता है ! मणीपर (Manipur) के SHG को ये मौका मिला. मणिपुर के थौबल नगर परिषद (टीएमसी) ने एक प्रतियोगिता रखी जिसमें नगर के स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups)  ने भाग लिया. वेस्ट कलेक्शन प्रतियोगिता (Waste Collection Competition) को थौबल खुनौ स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट परिसर में आयोजित किया गया. कुल मिलाकर 24 एसएचजी ने प्रतियोगिता में भाग लिया जिससे कुल 10,880 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया गया. लैनचेंबी एसएचजी ने कुल 1204.4 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा इकट्ठा कर प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया; सनालीमा एसएचजी ने 1150.8 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के साथ दूसरा स्थान हासिल किया और 1107.7 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के साथ तीसरा स्थान खुमानलेइमा एसएचजी को मिला.

थौबल डिप्टी कमिश्नर ए सुभाष ने थौबल में स्वच्छता बनाए रखने में थौबल नगर परिषद के साथ स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि टीएमसी घर-घर जाकर कूड़ा उठाने की पहल करके स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को तेज़ कर रही है. उन्होंने जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर अपना कचरा डंप करते हैं, उन्हें ऐसा न करने का आग्रह किया. स्वयं सहायता समूहों के ज़रिये महिलाएं अपना रोज़गार शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं , और साथ ही समय-समय पर सरकार की योजनाओं को लागू करवाने में भी मदद कर रही हैं. नगर में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए और कूड़ा खुले में न फेंकने के लिए जागरूकता फैला रही हैं. ये महिलाएं उसी समाज से आती हैं जहां योजनाएं लागू करना है, ऐसे में इन महिलाओं की भागीदारी से सरकार को उन लोगों तक पहुंचने में सहायता होती है जहां वो खुद नहीं पहुंच सकती. 

सामाजिक समस्याओं का समाधान करने वाली इस तरह की प्रतियोगिताएं लोगों में जवाबदेही की भावना पैदा करेगी. वातावरण की स्वच्छता बनाये रखने के लिए जनता की सामूहिक भागीदारी ज़रूरी है, जिसके बिना स्वच्छ शहर का सपना पूरा नहीं हो सकता. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का आगे आना इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा. 

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