केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, जब यह बताती है कि सिर्फ़ 40% महिलायें अपनी कंपनियों में टॉप पोसिशन पर जाना चाहती हैं, तो वो चर्चा का विषय उन 40% महिलायें पर नही बल्कि उस 60% पर ले जाती हैं जो सामाजिक, पारिवारिक, या लैंगिक कारणों की वजह से आगे बढ़ने की कोशिश तो दूर, उसके बारे में सोचने से भी हिचकिचाती हैं. सरकार ने तो स्वसहायता समूहों (SHG) के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को अपने बजट में पहले पन्ने पर जगह दी है. अब बारी इस मौके को भुनाने की.
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) पार्ट्नर्शिप समिट में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिलाओं को सामाजिक बदलाव का कोर माना. देशभर में बढ़ती आर्थिक क्रांति की अगुवाई आज उस तबके की महिलायें कर रही हैं जिनकी क्षमताओं पर समाज ने सवाल उठाए. ये 9 करोड़ महिलायें देशभर के 80 लाख स्वसहयता समूहों की सदस्य हैं. ये वही महिलायें हैं जिनसे कभी पैसों और ख़र्चों को लेकर राय नही ली गई. आज यही महिलायें 30-32 बिलियन रुपयों का क्रेडिट संभाल रही हैं. समय पर लोन का भुगतान कर NPA दर 2% से भी कम पर मेंटैन कर रहीं हैं जो कि पुरुषों की तुलना में काफ़ी बेहतर है.
SHG की क्षमताओं और उनके होते विकास को देखते हुए स्मृति ईरानी ने महिलाओं के लघु उद्योग को मध्य स्तरीय कंपनियों में परिवर्तित करने पर ज़ोर दिया. ये महिलायें देश के GDP में योगदान देने के लिए और कार्यबल का हिस्सा बन हर क्षेत्र में टॉप पोसिशन पर पहुंचने में सक्षम हैं. अकाउंट मैनेजमेंट हो या डिजिटल साक्षरता, ये महिलायें सबकुछ कर सकती हैं जिसका सबूत उन्होंने कोरोना माहमारी के समय दिया. आंगनवाड़ी हो या आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य हो या स्वास्थ्य्कर्मी, सभी ने लॉक्डाउन के समय डेटा और ओबसर्वेशन डिजीटली देकर सरकार की मदद की.
Image Credits: CII
कोरोना माहमारी के बाद दोबारा अपने पैरों पर खड़ी होती दुनिया में इन महिलाओं के कौशल का उपयोग अभी तक हुए नुकसान से उभरने के लिए किया जा सकता है. इन महिलाओं को ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता देकर इनके समूहों को कंपनी बनने में मदद मिल सकती है . देशभर में चल रही आर्थिक क्रांति को इससे गति मिल सकेगी. रविवार विचार का मानना है कि CII जैसे उद्योग के महा संघ स्वसहयता समूहों के मुद्दों पर प्रकाश डालेंगे तो ये भी इस्टैब्लिशड उद्योगों से सीखकर अपने काम को नई ऊंचाई दे सकेंगे. बड़ी इंडस्ट्री से मिले सहयोग से महिलाओं की आर्थिक आज़ादी की क्रांति को मज़बूती मिल पाएगी .