ट्रेनिंग पूरी कर, अपना खुदका रोज़गार शुरू करना - ये सपना आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) से जुड़ी करीब सभी महिलाएं देखती हैं. तमिलनाडु (Tamilnadu) के शहर मदुरई (Madurai) की SHG महिलाओं ने भी यही सपना देखा. हाल ही में SHG से जुड़ी 50 विधवाएं और गरीब परिवारों की महिलाओं ने उनकी रुचि के व्यवसायों में ट्रेनिंग (training) लेकर अपना व्यावसायिक उद्यम शुरू किया.
जिला प्रशासन ने नाबार्ड (NABARD) से फंडिंग लेने के बाद पिछले साल, स्थायी कौशल विकास कार्यक्रम (sustainable skill development programme) के तहत कयालपट्टिनम में एक प्रशिक्षण केंद्र (Training Center) की शुरुआत की थी. इसका लक्ष्य गरीब परिवारों की महिलाओं और विधवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षित करना था ताकि वो आर्थिक रूप से सशक्त हो सके.
कलेक्टर के. सेंथिल राज साप्ताहिक शिकायत निवारण बैठक के दौरान विधवाओं से कम से कम 50 आवेदन प्राप्त करते है, जो नौकरी या अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सहायता चाहते हैं. ये प्रशिक्षण केंद्र इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
स्वयं सहायता समूह मॉडल (Self Help Group Model) के ज़रिये महिलाओं को रिवॉल्विंग फंड (revolving fund) जारी करके या नौकरी मेलों से नौकरी दिलाने में मदद कर रहे हैं, उन्हें ख़ास कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के लिए बैंक लिंकेज (bank linkage) भी करवा रहे हैं. यह महिलाओं को एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में उनकी मदद करेगा. इससे वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी. इसलिए इस केंद्र को नाबार्ड के 15 लाख रुपये की सहायता राशि के साथ शुरू किया गया है.
पहले चरण में, 50 महिलाओं को 35 दिनों के लिए प्रशिक्षित किया गया था - 25 महिलाओं को टैली प्रशिक्षण और बाकी 25 को आरी कढ़ाई का काम सिखाया गया. जिला प्रशासन ने ट्रेनिंग देने के लिए छह बैच तैयार कर गैर-सरकारी संगठन के ज़रिये लेखांकन टैली, खाद्य प्रसंस्करण, मशरूम की खेती आदि पर ट्रेनिंग देने का भी फैसला किया.
यह प्रशिक्षण माड्यूल जल्द ही जिले के विभिन्न प्रखंडों में उपलब्ध कराये जायेंगे, ताकि खुद का रोज़गार शुरू करने की इच्छुक विधवाओं को उनके घर के पास के केन्द्र में प्रशिक्षित किया जा सके. अगले चरण में, कयालपट्टिनम में प्रशिक्षण सत्र के पूरे होने के बाद ओट्टपिडारम, थूथुकुडी, कोविलपट्टी, सत्तानकुलम और विलाथिकुलम में प्रशिक्षण सत्र आयोजित शुरू किए जाएंगे. जिला उद्योग केंद्र ने ऋण के रूप में ₹5 लाख जारी करने की योजना बनाई है, अन्य ₹4 लाख सहकारी समितियों के माध्यम से जारी किए जाएंगे.
इस पहल से वंचित वर्ग की महिलाओं, खासकर विधवाओं को अपना रोज़गार शुरू कर आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा. ये पहल बाकी राज्यों के लिए भी उदाहरण है.