स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ कर महिलाएं अपना रोज़गार शुरू कर रही हैं. इस आर्थिक क्रांति (financial revolution) में सरकार का अगला कदम उन्हें एंटरप्रेन्योर्स (entrepreneurs) बनने में सहयोग करना है. ग्रामीण विकास विभाग, लद्दाख के सेक्रेटरी सौगत बिस्वास ने लद्दाख ग्रामीण आजीविका मिशन (LRLM) की बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में लद्दाख में LRLM की प्रगति पर चर्चा की गई. बैठक में कृषि और गैर कृषि आजीविका गतिविधियों में आजीविका मिशन की अलग-अलग योजनाओं पर विचार किया गया.
बिस्वास ने लद्दाख की सभी ग्राम पंचायतों में ज़्यादा से ज़्यादा स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन के निर्देश दिए ताकि और ज़्यादा महिलाओं को फायदा पहुंचाया जा सके. उन्होंने जोर देकर कहा कि लद्दाख की महिला SHG सदस्यों को उद्यमियों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है. ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने की योजना के उद्देश्य को पूरा किया जायेगा.
लद्दाख में LRLM सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है और अब तक लद्दाख में 900 से ज़्यादा SHG, 62 ग्राम संगठन (VO) और 8 क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) का गठन किया जा चुका है. लोकस एप्लिकेशन (LOKUS application) पर 450 से ज़्यादा बुककीपर आईडी बनाई जा चुकी है. सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टिट्यूट (Central Leather Research Institute) और डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स (Department of Industries and Commerce), लद्दाख के सहयोग से आयोजित लेदर प्रोडक्ट ट्रेनिंग में 83 SHG को प्रशिक्षित किया गया. इसके अलावा, चुचोट ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को चमड़े की सिलाई के लिए मशीनें भी दी गई.
रोंग, न्योमा, दुरबुओ और रूपशो गांवों में SHG को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. आयुक्त/सचिव ने दोनों जिलों में NRLM के कामों की प्रगति साझा करने लिए मासिक समाचार पत्र के प्रकाशन के निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने लेह और कारगिल जिलों में SHG को सब्सिडी देने के प्रावधान पर भी राय मांगी. इन सभी पहलों के ज़रिये स्वयं सहायता समूह की संख्या में बढ़ोतरी हो सकेगी. सरकार से मदद मिलने पर SHG अपनेआप को छोटे बिज़नेस में बदल पायेंगे.