महिलाओं को खेतों में वज़न ढोने, फसल काटने और इस जैसे छोटे मोटे कामों के लिए बुलाया जाता था. लेकिन आज किसान महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेती में बहुत से नए आयाम हासिल कर रहीं है. इसी कड़ी में महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह (SHG) 'Yapiri Village Organization' ने एक हेक्टेयर ज़मीन पर पांच अलग-अलग किस्म के मक्का की खेती की. इस निर्णय से त्रिपुरा के महिला SHGs को बहुत फायदा हो रहा है. इस महिला SHG को कृषि और किसान कल्याण विभाग और Tripura Rural Livelihood Mission (TRLM) ने पूरी मदद की है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Ratan Lal Nath ने बशाराम पारा में मक्के की खेती का दौरा किया. उनके साथ Tripura Tribal Areas Autonomous District Council के EM Runil Debbarma, TRLM Chief Executive Officer Dr. Prasad Rao Vaddarapu, Sardindu Das, Director, A&FW Department, Lalit Chakma, BDO, Chairman and Vice Chairman, BAC and ARD विभाग के अधिकारी थे. Ratan Lal Nath ने कहा- "मुझे पता चला है कि यह महिला SHG पिछले दो सालों से इस क्षेत्र में मक्का की खेती कर रहा है और चावल उत्पादन की तुलना में लाभ दे रहा है क्योंकि खर्च कम है जबकि आय अधिक है. हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना और यह वर्तमान समय में गौरवशाली उदाहरणों में से एक है." महिलाएं जिस तेजी से इस खेतीबाड़ी में आगे बढ़ रहीं है, वह दिन दूर नहीं जब वे बहुत आगे निकल जाएंगी. नयी तकनीके सीखकर महिला SHGs हमारे कृषि प्रधान देश को सशक्त बनाने के लिए आगे आ रहीं है, और अपने लिए आय स्त्रोत बनाना शुरू कर चुकीं है.