फीमेल ग्लोबल लीडरशिप में गिरावट

महिलाओं का टॉप पोसिशन्स पर जाना और ग्लोबल लीडर कहलाना अपने आप में बड़ी बात है. कुछ फीमेल लीडर्स जो इस पोज़िशन पर पहुंची, वो और आगे नहीं बढ़ पाई.  उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा या फिर विपक्ष की लामबंदी से चुनाव हार गयी. 

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मिस्बाह
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decline in women global leadership

Image Credits: Ravivar Vichar

ज़रा अपनी उंगलियों पर वर्ल्ड लीडर्स के नाम गिनिए. अब बताइये इस लिस्ट में कितनी महिलाएं हैं और कितने पुरुष ? पुरुषों की संख्या ज़्यादा ही आएगी, क्योकि असलियत में भी टॉप पोसिशन्स पर ज़्यादातर पुरुष हैं. 1 जनवरी 2023 तक, ऐसे केवल 31 देश हैं जहां महिलाएं राष्ट्राध्यक्ष हैं. केवल 13 देश ऐसे हैं जिनमें 50 प्रतिशत या उससे ज़्यादा महिला कैबिनेट मिनिस्टर्स हैं. सभी फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से केवल 8.8% में महिला सीईओ हैं. लेकिन सोचने की बात ये है कि महिलाएं दुनिया की 50 % आबादी है, फिर इनकी संख्या ग्लोबल लीडरशिप में इतनी कम क्यों ? ये आंकड़े दुनियाभर के समाजों में लैंगिक असमानता को हाइलाइट करते नज़र आते हैं.  

महिलाओं का टॉप पोसिशन्स पर जाना और ग्लोबल लीडर कहलाना अपने आप में बड़ी बात है. कुछ फीमेल लीडर्स जो इस पोज़िशन पर पहुंची, वो और आगे नहीं बढ़ पाई. उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा या फिर विपक्ष की लामबंदी से चुनाव हार गयी.  पहले न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न, स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोला फर्ग्यूसन स्टर्जन, फिर यूट्यूब की सीईओ सुसान वोज्स्की को इस साल इस्तीफा देना पड़ा . और हाल ही में फिनलैंड की मौजूदा प्रधानमंत्री सना मारिन इलेक्शन में हार के बाद सत्ता से बाहर हो गई. जैसिंडा 37 की उम्र में दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला सरकार प्रमुख बनीं जिनके कोरोना महामारी से निपटने के प्लान को पूरी दुनिया ने सराहा.  निकोला फर्ग्यूसन ने तीन बार स्कॉटिश पॉलिटिशियन ऑफ़ थे ईयर अवॉर्ड जीता. सुसान वोज्स्की 1998 में गूगल के बनने में शामिल रही जब  जब इसके संस्थापकों ने पहली बार उनके घर के गैरेज से काम शुरू किया था. वे गूगल की पहली मार्केटिंग मैनेजर बनी. 

मारिन की सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी देश के राष्ट्रीय चुनावों में 43 मतों और देश के 19.9% ​​मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही. जबकि, केंद्र-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी चुनावों में टॉप पर रही, 48 मतों से जीत हासिल की और सभी मतों के 20.8 प्रतिशत पर कब्जा कर लिया. ⁠दक्षिणपंथ की आंधी के सामने उदार मारिन टिक नहीं पाई.        

⁠अपने दोस्तों के साथ पार्टी करते हुए मारिन का वीडियो कुछ ही महीनों पहले वायरल हुआ था जिसने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. मारिन का ये फैसला न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफा देने के कुछ ही महीनों बाद आया, जिसमें जैसिंडा ने वर्क बर्नआउट  को वजह बताया. वर्ल्ड लीडर्स कहलाने वाली मारिन और अर्डर्न को अक्सर शक्तिशाली फेमिनिस्ट लीडर्स के रूप में देखा गया. इसी साल में चार ग्लोबल फेमिनिस्ट लीडर्स का अपने पदों पर से इस्तीफा या हार यकीनन एक संकेत है कि ग्लोबल फेमिनिस्ट लीडरशिप में भारी गिरावट आ रही है. वहीं दूसरी ओर ध्यान दें तो देखेंगे कि कई देशों की सत्ता में रूढ़िवादी पार्टियों और फ़ारसीवादी नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. 

⁠इटली की वर्तमान प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने सत्ता संभाली, जिनकी जड़ें इटली की मूल फ़ासिस्ट पार्टी में मिलती हैं. अब रूढ़िवादियों ने भी अपने फायदे के लिए महिलाओं के नेतृत्व को शामिल करना शुरू किया है. लेकिन सत्ता के पदों पर महिलाएं नारीवादी नहीं होती, सिर्फ  फ़ारसीवाद को ही बढ़ावा देती हैं. महिलाओं की लीडरशिप में गिरावट की बड़ी वजह सिर्फ लैंगिक भेदभाव नहीं, पर दुनियाभर में बढ़ती रूढ़िवादिता भी है. ये सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं पर दुनियाभर में प्रगतिशील सोच और उदारवाद के लिए काफी नुकसानदायक है.   

दफ़्तरों में महिलाओं से इस तरह काम की उम्मीद की जाती है जैसे उनका परिवार न हो, और घर पर ऐसे जैसे उनके पास नौकरी न हो. इस वजह से कई बार वर्क-लाइफ बैलेंस न संभल पाने की वजह से महिलाएं जॉब छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं. एक सर्वे ने बताया कि पूरी मेहनत करने पर भी पहचान न मिलना और ज्यादातर देशों में सामान वेतन न मिलने की वजह से भी महिलाएं जल्दी-जल्दी नौकरी बदल लेती हैं या छोड़ देती है. ऐसा करने से टॉप पोज़िशन पर पहुंचने के मौके कम हो जाते हैं.

दुनियाभर में कम होती विमेन लीडरशिप एक चिंता का विषय है. सरकारों और संस्थाओं को एकसाथ आकर अपनी पॉलिसी में महिलाओं की लीडरशिप के मुद्दों को जगह देनी होगी और उन कारणों पर काम करना होगा जिनकी वजह से महिलाएं वर्ल्ड लीडर कहलाने के बाद भी पद छोड़ रही हैं. महिलाओं की रचनात्मकता, कौशल, क्राइसिस मैनेजमेंट और भागीदारी की ज़रुरत पूरी दुनिया को है.    

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