भारत की हर महिला को एक ही बात बोलने पर मजबूर कर सकते है आप? थोड़ा अटपटा सवाल है ना. जी सही है, मुझे भी लगता था... जी नहीं इस सवाल का रिश्ता किसी भी तरह की राजनीति से नहीं है इस बात की गारंटी मैं आपको दे सकती हूं. तो फिर ऐसा क्या है जो सारी की सारी महलाओं को एक कर सकता है. जवाब है टी.वी.
टी वी पर मम्मी हर दिन कुछ serials देखती है. इन serials ने ही हर घर की औरत को जोड़ रखा है. और आप माने या ना माने, इसका सबसे बड़ा श्रेय जाता है एक नाम को. नाम है एकता कपूर.
एकता कपूर, एक ऐसा नाम जिसे भारतीय टेलीविजन और फिल्म उद्योग में किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. जब भी हम भारतीय टेलीविजन की बात करते हैं, तो एकता कपूर का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आता है. उन्होंने भारतीय टेलीविजन को एक नया आयाम दिया है और अपनी क्रिएटिविटी के साथ दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. एकता की कहानी सिर्फ एक सफल निर्माता की नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने अपनी मेहनत, दृढ़ता और क्रिएटिव विजन से भारतीय टेलीविजन की परिभाषा बदल दी.
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
एकता कपूर का जन्म 7 जून 1975 को मुम्बई में हुआ था. वह प्रसिद्ध अभिनेता जितेंद्र और शोभा कपूर की बेटी हैं. बचपन से ही एकता की रूचि फिल्म और टेलीविजन के क्षेत्र में थी. उन्होंने मात्र 19 साल की उम्र में अपनी मां के साथ बालाजी टेलीफिल्म्स की स्थापना की. यह निर्णय उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.
टेलीविजन पर राज
1995 में, एकता ने 'हम पांच' के साथ टेलीविजन उद्योग में अपनी शुरुआत की. यह शो अपने समय का सबसे लोकप्रिय सिटकॉम साबित हुआ और एकता को एक नयी पहचान मिली. लेकिन असली क्रांति तब आई जब उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' (2000) लॉन्च किया. इस शो ने टेलीविजन इंडस्ट्री में धूम मचा दी और एकता को रातों-रात स्टार बना दिया.
क्रांति और कंट्रोवर्सी
एकता कपूर के शोज ने टेलीविजन पर परिवारों, रिश्तों और सामाजिक मुद्दों को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया. उनके शो 'कहानी घर घर की', 'कसौटी जिंदगी की', 'कहीं किसी रोज' और 'कुमकुम भाग्य' ने न केवल टीआरपी के मामले में सफलता पाई, बल्कि सामाजिक मुद्दों को भी उभारा. एकता के शोज ने जहां एक तरफ सफलता की नई ऊंचाइयां छुईं, वहीं दूसरी तरफ कई बार उन्हें कंट्रोवर्सी का भी सामना करना पड़ा. उनके शो में दिखाए गए कई पात्र और घटनाएं समाज में चर्चा का विषय बन गए.
डिजिटल क्रांति
टेलीविजन की सफलता के बाद, एकता कपूर ने डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रुख किया. उन्होंने 2017 में 'ALTBalaji' लॉन्च किया, जो कि एक ओटीटी प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म ने एकता को नए और उभरते हुए दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने का मौका दिया. 'गंदी बात', 'बोस: डेड/अलाइव', और 'अपहरण' जैसे शोज ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर धूम मचाई.
पर्सनल लाइफ और सामाजिक योगदान
एकता कपूर केवल एक सफल निर्माता ही नहीं हैं, बल्कि वह एक सशक्त महिला हैं जिन्होंने समाज में महिलाओं की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित किया है. उन्होंने 2019 में एक सरोगेसी के जरिए एक बेटे, रवि कपूर को जन्म दिया. एकता कपूर के इस निर्णय ने सिंगल मदरहुड को एक नई दिशा दी और कई महिलाओं को प्रेरित किया.
पुरस्कार और सम्मान
एकता कपूर की मेहनत और क्रिएटिविटी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्होंने कई बार 'इंडियन टेली अवार्ड्स', 'आइफा अवार्ड्स' और 'फिल्मफेयर अवार्ड्स' जीते हैं. 2020 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है.
एकता कपूर ने अपनी मेहनत, संकल्प और अद्वितीय क्रिएटिविटी से भारतीय टेलीविजन और फिल्म उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनकी कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है उन सभी महिलाओं के लिए जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रही हैं. एकता कपूर ने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके पास दृष्टि, जुनून और दृढ़ संकल्प है, तो आप किसी भी क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं.