जब महिलाएं और लड़कियां अपने स्वयं के स्वास्थ्य (health) और भलाई को प्राथमिकता देती हैं, खुद पैसे कमाती हैं, और समाज की लीडर बनती हैं, तो फायदा पूरे समाज का होता है. यही फायदा पहुंचाने के लक्ष्य से बिल एन्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation) ने जेंडर इक्वलिटी (Gender Equality) या लैंगिक समानता प्रोग्राम शुरू किया. फाउंडेशन का लैंगिक समानता डिवीज़न (Gender Equality) ऐसी बाधाओं को पहचानने और दूर करने में मदद करता है जिससे महिलाएं और लड़कियां अपने शारीरिक, आर्थिक, पारिवारिक, या सामाजिक फैसले खुद नहीं ले पाती. लैंगिक समानता प्रोग्राम लैंगिक-समान दुनिया की ओर प्रगति में तेजी लाने के लिए काम करता है.
महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने की शक्ति को आगे बढ़ाना, नेतृत्व की भूमिकाओं तक महिलाओं की पहुंच बढ़ाना, महिलाओं के स्वास्थ्य और शारीरिक स्वायत्तता में सुधार और सुरक्षा करना, सकारात्मक सामाजिक मानदंडों (positive social standard) का समर्थन करना और विस्तार करना, और लगातार लैंगिक असमानताओं (Gender Inequalities) को दूर करने के लिए डेटा इकट्ठा करना इस प्रोजेक्ट के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं.
भारतीय राज्य बिहार में, बिल एन्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने देश का पहला जिला-स्तरीय लिंग डैशबोर्ड बनाने में मदद की है. इससे अर्थव्यवस्था में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने में सहायता मिलेगी. डैशबोर्ड महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बाधाओं को कम करेगा. सरकार को ज़रूरी डेटा तक पहुंच देगा. महिलाओं की सुरक्षा, नौकरियों तक पहुंच, और आर्थिक सशक्तिकरण (Financial Empowerment) की बाधाओं की पहचान करने में मदद मिल सकेगी. केन्या और इथियोपिया में भी इस तरह के प्रोग्राम शुरू किये जा रहे हैं. नाइजीरिया और युगांडा में भी लैंगिक समानता के प्रोजेक्ट्स बदलाव लाकर कई महिलाओं और लड़कियों को बेहतर कल की उम्मीद दे रहे हैं.
महिलाओं जीवन के हर चरण में महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य में सुधार करना - बच्चों की उत्तरजीविता दर में वृद्धि के साथ शुरू करना. समाज में लैंगिक समानता लाने के लिए कुछ लक्ष्य रखे गए हैं, जैसे- महिलाओं के आर्थिक अवसर और निर्णय लेने की शक्ति को बढ़ाना, लैंगिक समानता से जुड़े सकारात्मक सामाजिक मानदंडों को मजबूत करना, फीमेल लीडरशिप (Female Leadership) को बढ़ाना, और ऐसा डेटा इकट्ठा करना जिससे समुदाय की ज़रूरतों को पूरा करने वाली योजनएं बनाई जा सके.
आज भारत के हर राज्य में लैंगिक असमानता की, कहीं कम तो कहीं गंभीर परेशानी है. बिल एन्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के जेंडर इक्वलिटी प्रोग्राम की ज़रुरत हर राज्य में हैं. ये प्रोग्राम उन जगहों के समुदायों के साथ मिलकर डायरेक्ट काम करते हैं जहां बदलाव की ज़रुरत है. ऐसे में समुदाय की भागीदारी होने की वजह से बदलाव जल्दी नज़र आने लगता है और प्रोजेक्ट बंद हो जाने के बाद भी समुदाय की लीडरशिप बनी रहती है.