आज की नारी सिर्फ घर की चार दीवारों तक सीमित नहीं रही. वह अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर समाज में एक नई पहचान बना रही है. आज की 'Working Moms' ने यह साबित किया है कि एक मां बनना जितना सुंदर होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी.
सुबह की भागदौड़ में, जहां एक तरफ वह अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती हैं, वहीं दूसरी ओर खुद भी office के लिए ready होती हैं. एक मां अपने छोटे से बच्चे को छोड़कर काम पर जाने की फिक्र, उनके दिल को कितना तोड़ती होगी, यह सिर्फ वही जान सकती हैं.
फिर भी ऑफिस में उनकी क्षमताओं को अक्सर कम आंका जाता है. घर पहुंचकर, एक नई पारी शुरू होती है. खाना बनाना, बच्चों की पढ़ाई में मदद करना, और आखिर में, परिवार के साथ कुछ पल बिताने का प्रयास इन सब के बीच वह अपने लिए समय निकाल पाना भूल जाती हैं.
इसी बीच, कुछ महिलाएं ना केवल घर और परिवार की जिम्मेदारियों को संभालती हैं, बल्कि अपने सपनों को साकार करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहीं हैं. आज हम बात करेंगे उन महिलाओं की, जिन्होंने मातृत्व और उद्यमिता के बीच संतुलन बनाकर अपनी पहचान बनाई है.
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Suchi Mukherjee - CEO, LimeRoad
सूचि मुखर्जी एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने 2012 में लाइमरोड की शुरुआत की. लाइमरोड ना केवल भारत की पहली 'महिला सोशल शॉपिंग' वेबसाइट है, बल्कि यह महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लिए एक विश्वसनीय फैशन गंतव्य भी है. सूचि को उनकी क्षमता और दृढ़ संकल्प के लिए वैश्विक मंच पर भी पहचाना गया है, जहां उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं.
सूचि मुखर्जी दो बच्चों की मां हैं और एक सफल Mompreneur हैं, जिन्हें 2011 में ग्लोबल वीमेन्स फोरम में Under - 40 के 15 Rising Talent Global Leaders में पहले स्थान पर वोट दिया गया था. अब तक, सूचि मुखर्जी को कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं.
Image Credits - Outlook Business WoW
Meena Bindra - Founder, BIBA
मीना बिंद्रा ने 39 वर्ष की उम्र में अपनी उद्यमशीलता की शुरुआत की. उन्होंने ₹8,000 की एक छोटी सी राशि से शुरुआत करते हुए बीबा को भारतीय एथनिक परिधान उद्योग में एक जाना-माना नाम बनाया. मीना की यह यात्रा ना केवल उनकी रचनात्मकता का परिचायक है बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक महिला अपने सपनों को साकार कर सकती है.
बीबा और देश के एथनिक परिधान उद्योग में उनके अमूल्य योगदान के लिए, मीना बिंद्रा को 2015 में क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) द्वारा Apex Lifetime Achievement Award से सम्मानित किया गया. 2012 में, बीबा को Images Awards में "महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ एथनिक वियर ब्रांड" का खिताब भी मिला, जिससे इसकी फैशन में महत्वपूर्ण स्थिति और मजबूत हुई.
Image Credits - Don't Give Up World
Amrita Vasvani - Founder, B Diapers
अमृता वासवानी ने 2019 में बीडायपर्स की स्थापना की, जो एक पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक ब्रांड है. उन्होंने अपने विपणन के अनुभव का उपयोग करते हुए इस ब्रांड को सफलतापूर्वक बाजार में स्थापित किया और भारतीय माता-पिता के बीच इसे एक विश्वसनीय नाम बनाया.
यह ब्रांड लगातार तीन साल तक 'किड्स स्टॉप प्रेस' में भारत का बेस्ट क्लॉथ डायपर" चुना गया. इस डायपर को 2016 में अमृता के दूसरे बच्चे के जन्म के बाद कई बार बदला गया है. वर्तमान में, अमृता अपनी टीम के साथ मिलकर कंपनी को चला रही हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में एमबीए किया है और उनके पास कोलगेट पामोलिव, माइक्रोसॉफ्ट और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी कंपनियों में 10 साल से अधिक का अनुभव है.
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Malika Sadani - Co-Founder, The Moms Co.
2016 में मलिका सदानी ने एक खास सपना देखा था—एक ऐसी कंपनी बनाना जो माताओं और बच्चों की देखभाल के लिए समर्पित हो. इस सपने का नाम है मॉम को.. आज, यह कंपनी भारत के 10,000 से अधिक स्थानों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है.
जून 2022 में एक्ट्रेस सोनम कपूर भी इस ब्रांड की आवाज बन चुकी हैं. उन्होंने मॉम को. के स्किनकेयर और बेबीकेयर उत्पादों के प्रचार में अपना समर्थन जोड़ा है. 2022 में ही, मॉम को. को फोर्ब्स इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ D2C ब्रांड का खिताब मिला और E4M पुरस्कार भी जीता. आज मॉम को. working moms के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
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इन महिलाओं की कहानियां ना केवल उद्यमिता की प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि किस प्रकार से मातृत्व के साथ एक सफल करियर का निर्माण संभव है. उनकी उपलब्धियां अन्य महिलाओं के लिए भी एक उदाहरण पेश करती हैं, कि किस प्रकार से वे अपने सपनों को साकार कर सकती हैं.
यह महिलाएं सिर्फ उद्यमी नहीं हैं, बल्कि उन्होंने अपनी काबिलियत और कड़ी मेहनत के जरिये समाज में एक नई सोच की नींव रखी है. उनका योगदान ना केवल उनकी संस्थाओं तक सीमित है, बल्कि यह समाज में व्यापक प्रभाव डालता है, जो अगली पीढ़ी के लिए नई राह दिखाता है.
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