आज जब भी महिलाओं की आर्थिक आज़ादी की बात निकलती है तो स्वसहायता समूह का नाम सबसे पहले आता है. इन समूहों की सफलता का सबसे बड़ा कारण आसान क्रेडिट मिल पाना है, जिसके बाद ही ये अपना रोज़गार शुरू कर पाते हैं. सरकार और बैंकों की सहायता से ऐसी कई योजनाओं के तहत SHG महिलाओं को लोन दिया जाता है. यहां से शुरू होता है उनकी आर्थिक आज़ादी का सफ़र. आसान लोन का एक कारगर ऑप्शन मुद्रा लोन है. जिसे भारत सरकार ने अप्रैल 2015 में शुरू किया.
एक समय था जब बैंक खाता खोलना भी मुश्किल था पर आज देश के सबसे गरीब लोगों के पास भी जन धन बैंक खाते हैं जिसमे सरकार भुगतान राशि जमा करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने ने कहा, "चाहे वह छोटा किसान हो, व्यवसायी हो या महिला स्वसहायता समूह, मुद्रा योजना से लोन लेना बहुत आसान हो गया है." प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PMMY) का मकसद छोटे-छोटे कारोबारियों को अपना नया काम शुरू करने या पहले से ही शुरू किये गए व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बैंक से 50 हज़ार से 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है.
माइक्रो यूनिट्स डिवेलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) लोन स्कीम भारत सरकार की एक पहल है जो व्यपारियों, SME और MSME को लोन देती है. कुल का लगभग 68% लोन महिला उद्यमियों को दिया गया. मुद्रा लोन SHG महिलाओं के लिए इसिलिए कारगर साबित हुआ क्योकि लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थानों को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं होती. इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है. आसानी से लोन मिलने और रीपेमेंट की सहूलियत होने की वजह से ये लोन कई स्वसहायता समूहों को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "सरकार का प्रयास है कि अमृत काल की विकास यात्रा में हर नागरिक योगदान दे और कोई भी पीछे न रहे." भारत सरकार ने अगले 25 वर्षों को भारत के लिए अमृत काल बताया. इस अमृत काल में हर तबके के नागिरकों के सहयोग से ही भारत विश्वगुरु बन सकेगा. भारतीय महिलाएं स्वसहायता समूह में संगठित होकर आज अपना योगदान दे रहीं है.