कई तरह की सामाजिक-सांस्कृतिक वजहों (socio-cultural reasons) से महिलाओं के लिए शिक्षा (education) और करियर (career) के पारंपरिक विकल्प (traditional options) कारगर साबित नहीं होते हैं. घर से दूर स्कूल या कॉलेज जाना, नौकरी के लिए शहर बदलना, दिनभर पढ़ाई करना या ऑफिस में समय बिताना कई लड़कियों और महिलाओं के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज (online classes) पढ़ाई को आसान बना रही हैं. अपनी सुविधा से घर बैठे पढ़ने का मौका मिला. वर्चुअल क्लासरूम के ज़रिये कई लड़कियां हायर एजुकेशन हासिल करने का सपना पूरा कर रही हैं. कोरोना महामारी के बाद से वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) के बढ़ते चलन की वजह से महिलाओं को घर से ही काम कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला.
बिज़नेस में हो रहे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (digital transformation) की वजह से भौगोलिक (geographical) और सामाजिक (social) बाधाओं को दूर कर महिलाओं को अपनी पूरी क्षमता इस्तेमाल कर पहचान बनाने का मौका मिल रहा है. ऑनलाइन शिक्षण महिलाओं को जगह या व्यक्तिगत परिस्थितियों की परवाह किए बिना, प्रसिद्ध और विश्वसनीय संस्थानों से ज्ञान (knowledge) और कौशल (skills) प्राप्त करने में मदद मिल रही है. 45% महिलाओं और 60% महिला केयर गिवेर्स का कहना है कि अगर ऑनलाइन सीखने का विकल्प नहीं होता तो उन्हें अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ती. ऑनलाइन अवसर उन्हें अपने सपने पूरे करने, आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने और विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम बनाते हैं.
वैश्विक स्तर पर, 2022 में ऑनलाइन लर्नर्स (online learners) में 42% महिलाएं थीं, जबकि 2019 में यह संख्या सिर्फ 38% थी. कौरसेरा नाम के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म पर 49% लर्नर्स महिलाएं हैं. ऑनलाइन शिक्षण से महिलाओं को काम और देखभाल की जिम्मेदारियों के साथ अपनी पढ़ाई की इच्छा को संतुलित करने का मौका मिल रहा है. वर्क फ्रॉम होम महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने और वर्क फाॅर्स में बने रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. दूरदराज के पदों के लिए महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज़्यादा आवेदन कर रही हैं. करीब 60% महिलाएं दूर से काम करने की इच्छा रखती हैं. ऑनलइन मोड (online mode) महिलाओं को बायस और भेद भावों से बचकर काम करने के आज़ादी देता है.
सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों (educational institutions) और एम्प्लॉयर्स (employers) को सभी के लिए समान पहुंच और अवसर सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे, इंटरनेट कनेक्टिविटी (internet connectivity) और प्रशिक्षण कार्यक्रमों (training courses) में निवेश करना चाहिए. हमें ऐसे अवसरों को बढ़ाने की ज़रुरत है जो लैंगिक समानता (gender equality), इन्क्लूसिविटी (inclusivity), और वर्क-लाइफ बैलेंस (work life balance) हासिल करने में मदद करे.