राजनीती के केंद्र में SHG

43 करोड़ महिलाएं भारत के आर्थिक विकास और किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बन जाते है.चुनावी विश्लेषकों की माने तो उत्तरप्रदेश और गुजरात में बीजेपी की बड़ी जीत का एक बड़ा कारण महिला मतदाता रही है.

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रोहन शर्मा
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politics and shg

Image Credits: Pradeep Gaur (Mint)

पिछले सालअपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण मेंप्रधानमंत्री मोदी ने कहा था - " महिलाओं की बढ़ी हुई भागीदारी से भारत के विकास की कहानी को बढ़ावा मिलेगा ".  आर्थिक सर्वेक्षण (ईएस) 2022-23 में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया. इस साल के आर्थिक सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसारएसएचजी-बैंक लिंकेज कार्यक्रम में 47,240 करोड़ रुपये की बचत जमा के साथ 14.2 करोड़ परिवार शामिल है. भारत के स्वयं सहायता समूह (SHG) दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस परियोजना है.  डीएवाई-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 8.5 करोड़ से अधिक परिवारों को लगभग 80 लाख एसएचजी से जोड़ा गया . मोदी सरकार ने  'मिशन 1 लाख, 2024' भी लॉन्च किया जिसका उद्देश्य 2024 तक स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुडी प्रत्येक महिला की वार्षिक आय को 1 लाख रुपये तक बढ़ाना है. 

इन सब प्रयासों के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ;  SHG (स्वयं सहायता समूह) बैंक बनाने की बात करती है जो SHG और उनके बनाये उत्पादों को वित्तपोषित करेगा. स्वयं सहायता समूह पर इतना फोकस और स्ट्रेटिजी में इस हद तक शामिल करना बेवजह नहीं है.  इसमें भारत के आर्थिक विकास के साथ राजनीतिक पक्ष  दोनों ही पहलु जुड़े हुए है.  भारत की 64% आबादी तक़रीबन 91 करोड़ लोग आज भी ग्रामीण भारत में रहते है.  इस तरह 43 करोड़ महिलाएं भारत के आर्थिक विकास और किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बन जाते है.चुनावी विश्लेषकों की माने तो उत्तरप्रदेश और गुजरात में बीजेपी की बड़ी जीत का एक बड़ा कारण महिला मतदाता रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार महिला मतदाता चुनावी केम्पेन से तो दुरी बनाती है लेकिन यह साइलेंट वोटर अपने आसपास की बातचीत घटनाओं और योजनाओं पर बराबर नज़र रखती है.  ज़रा सी मदद भी महिला मतदाता के लॉन्ग टर्म कमिटमेंट की गारंटी देती है.  इस तरह SHG महिलाएं एक बहुत बड़ा वोट बैंक है. 

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Image Credits: One India

आर्थिक और वित्तीय संरचना में भी अगर भारत 7 %  जीडीपी या 5 ट्रिलियन इकोनॉमी टारगेट करता है तो स्वयं सहायता समूह की 9 करोड़ महिलाएं ज़रूरी होंगी. 17 लाख करोड़ के कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फण्ड के वितरण के साथ SHG किस स्तर पर काम कर रहा है . जब यह आर्थिक क्रांति इस तरह का पैसा मार्केट के साथ इकोनॉमिक रोटेशन में लाएंगी तो देश के आर्थिक और वित्तीय पहिए भी तेज़ गति से घूमने लगेंगे.

इन्ही राजनीतिक और आर्थिक कारणों से सरकारें और राजनीतिक दल स्वयं सहायता समूहों पर नज़र गढ़ाए बैठी है.  इनके पोषण और दोहन से ही विकास की राह निकल सकेगी.    

    

कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फण्ड SHG स्वयं सहायता समूह