E-शक्ति से SHG बने शक्तिशाली

ई-शक्ति दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल इंक्लूसिव प्रोजेक्ट के तौर पर उभरने की क्षमता रखता है लेकिन इसके लिए SHG महिलाओं का समर्थन, उनकी जागरूकता और बैंकों का सहयोग देना ज़रूरी हैं.

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चाहे यूनियन बजट हो या देश के प्रधानमंत्री, 2023 में महिला सशक्तिकरण का मंत्र SHGs ही हैं. करीब 3 दशक पहले शुरू की गई इस पहल को अब हर तरफ से मिल रही है स्वीकृति, सराहना और समर्थन. देशभर में मौजूद  81 लाख से भी ज़्यादा SHGs महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को आगे बढ़ा रहे हैं . साथ ही दे रहे हैं महिलाओं को अर्थ व्यवस्था में भागीदारी बनने का मौका. हाल ही में मिली G -20 की अध्यक्षता के तहत भारत, आर्थिक समावेशिता के मुद्दे को महिलाओं तक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये पहुंचाना चाहता है. आज दुनियाभर में जिस महिला आर्थिक डिजिटलीकरण की चर्चा है, उसकी शूरुआत भारत में साल 2015 में ही हो गई  थी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न को मद्देनज़र रहते हुए साल 2015 में NABARD ने 'इ-शक्ति' प्लेटफॉर्म को लांच किया. इस प्लेटफॉर्म से आज 1.27 करोड़ SHGs जुड़े हुए हैं. NABARD ने देशभर में लाखों SHGs स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लेकिन इनमें से कई  ऐसे SHGs थे जो बैंक से लिए गए लोन के दस्तावेज़ और बहिखातों का सही मायने से रखरखाव नहीं कर पा रहे थे. SHGs को लोन मिलने में अड़चन का यह मुख्य कारण बन गया था.

इस मुसीबत के समाधान के तौर ऊपर उभरा  'इ-शक्ति प्लेटफार्म' (e-shakti). SHG सदस्यों के आर्थिक डेटा को इकट्ठा कर उसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्टोर करके रखना इ-शक्ति पहल का उद्देश्य था. सिर्फ़ 'एक क्लिक' से ऑनलाइन डेटा तक आसानी से पहुंचा जा सकता है जो इस प्लेटफार्म का USP है. महाराष्ट्र के धुले और झारखण्ड के रामगढ जिलों से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट आज देश के 100  जिलों  और 22  राज्यों तक अपनी पहुंच बना चुका हैं.
  
'इ -शक्ति' प्लेटफार्म स्वसहायता समूहों और उनके सदस्यों की बचत, उधार,उपस्थिति,  क्रेडिट इतिहास, लाभ- हानि खाता , बैलेंस शीट जैसी आर्थिक रिकार्ड्स को अपने वेबसाइट पर (मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) MIS रिपोर्ट्स के रूप में प्रकाशित करता है. एक क्लिक में मिल जानी वाली  MIS रिपोर्ट्स और ग्रेडिंग सिस्टम ने बैंकों के लिए लोन संबंधी निर्णय लेना आसान कर दिया है. वही SHG महिलाओं के लिए भी बहीखाते का रखराव करना और बैंको से लोन लेना सरल कर दिया. वेबसाइट से शुरू हुआ यह सफर अब मोबाइल ऍप  के ज़रिये ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से जुड़ा गया है जो मैसेज के ज़रिये अलर्ट भी भेज देता है.

फेज - 4 के तहत ई -शक्ति योजना जल्द ही 150 जिलों में शुरू होने जा रही है. इ-शक्ति प्लेटफार्म  SHG महिलाओं के लिए आर्थिक आज़ादी को अग्रसर करने में मदद कर सकता है और साथ ही G -20 के महिला सशक्तिकरण और आर्थिक समावेशिता के विज़न को भी सहजता से प्राप्त करने में मूल कारक बन सकता  है. 'SHG-BLP' जिस तरह दुनिया की सबसे बड़े माइक्रोफाइनेंस प्रोजेक्ट के तौर पर उभरा है वैसे ही ई-शक्ति भी दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल इंक्लूसिव प्रोजेक्ट के तौर पर उभरने की क्षमता रखता है लेकिन इसके लिए SHG महिलाओं का समर्थन, उनकी जागरूकता और बैंकों का सहयोग देना ज़रूरी हैं.

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