मेरा नाम मेरी पहचान

फेमस कॉफी हाउस कंपनी स्टारबक्स (Starbucks) ने ऐसा एड रिलीस किया, जिससे सोशल मीडिया पर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी. स्टारबक्स ने '#ItStartsWithYourName' हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर इस एड के वीडियो को रिलीज किया था.

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मिस्बाह
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Image Credits: Business Today

हाल के कुछ सालों में, भारत में थर्ड जेंडर को लेकर जागरूकता बड़ी है. देश में समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) पर बहस छिड़ी हुई है. इस बीच फेमस कॉफी हाउस कंपनी स्टारबक्स (Starbucks) ने ऐसा एड रिलीस किया, जिससे सोशल मीडिया पर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी. एड में एक पिता 'अर्पिता' नाम के अपने बेटे को कॉल करते है. उसकी मां पिता से गुस्सा न करने के लिए कहती है. थोड़ी देर बाद, एक लड़की आती है. अपनी ट्रांसजेंडर बेटी को देख पिता असहज हो जाते है. कॉफ़ी आर्डर करते है. कॉफी तैयार होने पर बुलाया जाता है- 'अर्पिता के लिए तीन कोल्ड कॉफी.' कुछ ऐसे, पिता अपने बेटे के 'अर्पिता' होने पर अपनी स्वीकृति जताते है. पापा से "तुम हमेशा मेरे बच्चे रहोगे" सुनते ही अर्पिता भावुक हो जाती है. नाम में एक अक्षर और जोड़ कर पापा उसकी आइडेंटिटी स्वीकार करते है.

स्टारबक्स ने '#ItStartsWithYourName' हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर इस एड के वीडियो को रिलीज किया था. स्टारबक्स इंडिया ने हैशटैग #ItStartsWithYourName के साथ ट्वीट किया और लिखा कि "आपका नाम परिभाषित करता है कि आप कौन हैं - चाहे वह अर्पित हो या अर्पिता. स्टारबक्स में, हम आपको प्यार करते हैं और स्वीकार करते हैं कि आप कौन हैं. क्योंकि खुद होने का मतलब हमारे लिए सब कुछ है." ये एड रिलीस होते ही वायरल होने लगा.  कुछ लोगों ने इसे प्रगतिशील बताया, तो कुछ ने कहा कि ये एड लिंग परिवर्तन को बढ़ावा देता है. एड के विरोध में ट्विटर पर #BoycottStarbucks ट्रेंड करने लगा. 

इस विज्ञापन पर दर्शक तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. रिटायर्ड आईएएस स्टारबक्स इंडिया को लिखते है- आप यहां बिजनेस करने आए हैं या बकवास को प्रमोट करने? एक यूज़र ने कहा, "सिर्फ कॉफी बेचें, मुफ्त की सलाह नहीं " कई यूज़र ने भारत में हो रहे बदलाव को ख़ूबसूरती से एड के ज़रिये दर्शाने के लिए स्टारबक्स को सराहा. 

ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 (The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill, 2016) के साथ बदलाव के लहर शुरू हुई. सरकार व गई सरकारी संगठन थर्ड जेंडर को न्याय, सम्मान, और समाज में समानता दिलाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं. संविधान, जाति, भाषा, धर्म के साथ-साथ लिंग के आधार पर भेद-भाव करने पर भी रोक लगाता है. समाज में ट्रांसजेंडर्स के प्रति नज़रिये को बदलने की ज़रुरत है. समान अधिकार के साथ, समाज में समानता की लड़ाई अभी जारी है. 

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