महिला का ज्ञान है विज्ञान

नोबेल विजेता CV रमन ने IISc में कमला सोहनी जैसी महिलाओं के दाखिलों में लड़की होने की वजह से अड़चने पैदा की. जानकी अम्मल, बी विजयलक्ष्मी, जैसी कई महिला साइंटिस्ट ने आगे जाकर विज्ञान में अपना नाम कमाया. SHG की महिलाएं इन आइडियाज को गावों तक ले गयीं.

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मिस्बाह
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SHG WOMEN

Image Credits : Google Images मॉडर्न तकनीक से खेती करती महिलाएं

आपके हाथ में मोबाइल, रसोई में मिक्सर या फ्रिज,नीचे खड़ी कार,याआपकी कलाई पे बंधी घड़ी में क्या समानता है ? ये सभी चीज़ें विज्ञान या साइंस की देन है. ये वही साइंस है जिसने हमारे बीच की दूरी को कम किया और जीवन को आसान बनाया. 28 फरवरी को साइंस डे मनाया जाता हैऔर दुनिया का हर ज्ञान महिला से ही पनपा है. तो साइंस और महिला का भी निरन्तता का रिश्ता है. वैसे 28 फरवरी 1928 को भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की इसीलिए इस दिन को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है. रमन इफ़ेक्ट के लिए ही उन्हें साल 1930 में फिज़िक्स में नोबेल मिला.  

रमन अपने समय के महान साइंटिस्ट ज़रूर रहे लेकिन इन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस (IISc ) में कमला सोहनी जैसी महिलाओं के दाखिलों में उनकी लड़की होने की वजह से अड़चने पैदा की. इस सोच को कुछ हद तक बदलने के लिए आगे जाकर अदिति पंत, जानकी अम्मल, बी विजयलक्ष्मी, असीमा चटर्जी, इरावती कर्वे जैसी कितनी महिला साइंटिस्ट ने देश दुनिया में नाम कमाया. इसी काम को स्वसहायता समूह गांवों तक लेकर गए. जी हाँ, SHG की महिलाओं के साइंस के कुछ हिस्सों को भारत के ग्रामीण परिवेश तक पहुंचने में मदद की. ख़ासतौर पर वहां जहां अपने कामों को आसान बनाना था, वहां साइंटिफिक अप्रोच कारगर तरीके से लाई गयी.

SHG आमतौर पर माइक्रोफाइनेंस और महिलाओ के रोज़गार से जुड़े हैं,पर भारत में विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. भारत के कई ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच सीमित है. SHG महिलाएं बिजली के पारंपरिक स्रोतों के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं. बिहार के अजीता महिला स्वसहायता समूह ने अपने गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइटें लगाई, जिससे महिलाएं रात में कही भी आने-जाने में सुरक्षित महसूस करती हैं.

स्वसहायता समूह की महिलाएं सरकार के साथ मिलकर अपने समुदायों में जल संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा दे रही हैं. महाराष्ट्र में महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) ने महिलाओं को वर्षा जल संचयन और वाटरशेड प्रबंधन जैसी जल संरक्षण तकनीकों में प्रशिक्षित किया.नतीजतन, स्वसहायता समूह अपने गांव में पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार करवा रहा है.कई SHG महिलाओं को पारंपरिक चिकित्सा और उपचार पद्धतियों की गहरी समझ है. आंध्र प्रदेश के SHG संजीवनी महिला संघ ने इन पारंपरिक प्रथाओं को दस्तावेज़ कर उन्हें बचाया और मॉडर्न चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत भी किया. समूह ने एक औषधीय गार्डन बनाया और अपने समुदाय में प्रशिक्षित पारंपरिक चिकित्सकों का एक नेटवर्क तैयार किया.

Women Scientist National Science Day

SHG महिलाएं अपने समुदायों में, विशेषकर युवा लड़कियों के बीच विज्ञान शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने में शामिल रही हैं. उत्तर प्रदेश में किशोरी विकास स्वसहायता समूह ने लड़कियों के लिए विज्ञान क्लब और विज्ञान कैंप स्थापित किए. बच्चों के लिए विज्ञान की किताबों और सामग्रियों के साथ एक पुस्तकालय भी बनाया. SHG महिलाओं ने विज्ञान शिक्षा की ज़रुरत को पहचाना और आज वे अपने बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरित कर रही हैं.   

कृषि सखी बन स्वसहायता समूह की महिलाओं ने भारत में खेती को साइंस से जोड़ा. ट्रेनिंग लेकर और नई तकनीक सीखकर स्थानीय फसलों और वहां के जीवों और पौधों का संरक्षण किया जिससे किसानों की आजीविका में सुधार आया. महाराष्ट्र के SHG ने नीम और गोमूत्र का उपयोग करके एक पर्यावरण-अनुकूल कीट नियंत्रण (पेस्ट कंट्रोल) समाधान निकला, जो कीट और रोगों से बचाव करने में उपयोगी हैं.  इस तरीके को आसपास के किसानों ने भी अपनाया. स्वसहायता समूहों ने सोशल मीडिया, नेटवर्किंग, और ई-कॉमर्स सीख कर अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग बखूबी की. नई तकनीक से पैकेजिंग और लेबलिंग कर बाज़ार में ख़ूब मुनाफ़ा कमाया. नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर कंप्यूटर पर हिसाब किताब सीखा. 

स्वसहायता समूहों को यदि विज्ञान और नई तकनीक पर ट्रेनिंग मिले तो उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा, खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा, बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट व रिन्यूएबल ऊर्जा का इस्तेमाल हो सकेगा. कहते है न किसी भी समस्या का हल एक महिला से बेहतर कोई नहीं निकाल सकता. रविवार का मानना हैं कि SHG महिलाओं को बढ़ावा देकर विज्ञान के क्षेत्र में उनके अनुभवन को इस्तेमाल कर हम ग्रामीण इलाकों में विज्ञान की क्रांति ला सकते है.

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