गांव की महिलाओं के पास जितनी कला हैं उतनी शायद शहर की ज़्यादातर महिलाओं के पास नहीं होगी. बस एक चीज़ जिसकी कमी हर ग्रामीण महिला को खलती हैं वो हैं आधुनिक तरीकों और विकास तक उनकी पहुंच. इसी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, देहरादून, उत्तराखंड की सरकार काम कर रही हैं. उत्तराखंड में ऐसे ही महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) काम कर रहे हैं, जिसमें सारी महिलाएं खुद को सशक्त बनाने के लिए हर दिन मेहनत कर रही हैं. राजधानी देहरादून की बात करें, तो कई self help group महिलाओं के साथ अलग-अलग उत्पादों पर काम कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं और इसी के साथ उन्हें रोजगार भी दे रहे हैं.
देव जागृति महिला SHG की महिलाओं द्वारा छोटे पैमाने पर फिनायल, झाड़ू, वाइपर आदि के साथ-साथ कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं. यह समूह महिलाओं के कल्याण के लिए उन्हें उद्यमी बनाते हुए ऑर्गेनिक खेती को बढ़ाने का काम कर रहा है. इसमें महिलाएं पहाड़ी उत्पादों के साथ कई तरह के व्यंजन बनाती हैं जैसे-रोटाना, अरसे, मंडुए के बिस्कुट. गोमती आजीविका SHG की महिलाएं आजीविका चलाने के लिए बैग आदि बनाती हैं. स्वदेश कुटुम्ब SHG स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ हिंदू संस्कृति को बचाने का काम भी करता है. सरयू आजीविका SHG की महिलाएं वेस्ट मैटेरियल पर काम करती हैं. यह कुछ SHGs की बात नहीं, बल्कि उत्तराखंड में काम कर रही हर महिला की उपलब्धि को दर्शाता हैं. भारत में महिलाएं SHGs के साथ सशक्तिकरण की राह पर निकल रही हैं, और ऐसे कार्य कर रही हैं, जिससे वे आर्थिक आज़ादी के साथ अपने जीवन को सुखी बना पाएं.