देश की महिला जिस दिन सशक्त हो जाएगी, उस दिन देश की उन्नति निश्चित हैं. स्वयं सहायता समूह (SHG) ग्रामीण महिलाओं की उन्नति के लिए बहुत काम करते हैं. ग्रामीण महिलाएं इस समूहों से जुड़कर अपने लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहीं हैं. मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में भी ऐसी ही कुछ महिलाएं Self Help Groups से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है और आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर रही है. ऐसे ही कहानी हैं, छपारा विकासखंड के ग्राम देवरी कला की रहने वाली एक महिला, प्रभा माथुर की. वे SHG से जुड़ने से पहले मजदूरी एवं कृषि कार्य करके अपने परिवार का जीवन यापन करती थी.
2019 में आजीविका मिशन अंतर्गत सांई स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में अविश्वसनीय परिवर्तन आया. उन्होंने समूह सदस्यों की सहमति से 25000 रुपए का ऋण लेकर अपनी खेती की ज़मीन पर में सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया अब वे हर महीने 6 से 8 हजार तक कमा रहीं हैं और जिससे वे अपने परिवार को आसनी से चला पा रहीं हैं. इस self help group से जुड़ी महिलाएं मौसमी सब्ज़ियों के साथ तरबूज की खेती कर रहीं हैं. मध्य प्रदेश आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक मजबूत हो रही हैं. हर महिला को अपने क्षेत्र के SHGs से जुड़कर सशक्तिकरण की और बढ़ना चाहिए और अपनी ज़िन्दगियों को खुशहाल बनाना चाहिए.