"मै उड़ने के लिए ही पैदा हुई हूँ ", ये शब्द है एक आम सी लड़की के जो आज बहुत ही ख़ास बन चुकी है. इस लड़की नें सपने देखे भी और उन्हें आज पूरा भी कर रहीं है. कहानी है 'ज़ोया अग्रवाल' की जिन्होंने जब अपने घर पर बताया की वो पायलेट बनाने चाहती है तो उनकी माँ रोने लगी. वो अपनी बेटी की शादी कराना चाहती थी, लेकिन ज़ोया जानती थी उन्हें क्या करना है. मुश्किलें तो बहुत आई लेकिन इस 'क्रेज़ी पायलेट' नें हार मानना सीखा ही नहीं था. आज ज़ोया ना जाने कितनी उपलब्धयां हासिल कर चुकी है.
भारत में महिला पायलटों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा है, क्युकि भारत की लड़की को उड़ना बहुत अच्छे से आता है और उनके पैरों को बांधना इतना आसान नहीं है. ज़ोया भी ऐसी ही एक लड़की है. वे अपने घर की इकलौती बेटी है. जब उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा तब देश में फ्लाइट डेक में लड़कियों की एंट्री के बारे में सोचा तक नहीं जाता था. माँ को उनके लड़की होने पर शर्म आने लगी थीं. हर जगह से सिर्फ नकारात्मक बातें और अड़चनें ही सामने आ रहीं थीं. ज़ोया को अपना सपना नामुमकिन सा लगने लगा. बस फिर क्या था, वो दिन है और आज का दिन है, ज़ोया नें आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2004 में एयर इंडिया के साथ उन्होंने अपने सपनों की उड़ान को शुरू किया. ज़ोया की उपलब्धियां इतनी है, की उनकी परेशानियां कही दिखती ही नहीं. कैप्टन जोया अग्रवाल एयर इंडिया में कमर्शियल पायलट और कमांडर हैं. उनके साथ भारत के लिए सबसे लंबी नॉन-स्टॉप कामर्शियल फ्लाइट उड़ाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी जुड़ा है. अब एयर इंडिया की कैप्टन जोया, सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की फ्लाइट की कमान संभाल रही हैं. वह 'यूएन एजेंसी फॉर वुमन' की प्रवक्ता भी बनीं. जोया के कंधे पर एक टैटू गुदा है. इस पर लिखा है 'बॉर्न टू फ्लाय'. सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन तमाम दूसरी लड़कियों के लिए भी जो उनकी तरह उड़ने का सपना देखती हैं. अभी देश में 8 पायलटों में एक महिला है.