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छत्तीसगढ़ के कई सरकारी भवनों को बनाने में लगाई जा रही ईंटें कोई बाजार या बाहरी भट्टे से नहीं खरीदी जा रही. इलाके में बन रहे भवनों, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और गौठान के निर्माण में 'घर' की ईंटें लगाई जा रही. यानी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत के बल पर फ्लाय एश ईंटें (Fly Ash Bricks) बना रहीं. राज्य के महासमुंद जिले के एक गांव में यह कमाल महिलाओं ने कर दिखाया.कोयले प्लान से निकलने वाली राख और दूसरे मटेरियल से ये ईंटें तैयार की जा रहीं हैं. पहली खेप में समूह को लगभग 2 लाख का फायदा हुआ. रीपा योजना में समूह को मशीनें दी गई. सभी महिलाएं ईंटें बनाना सीख गईं. समूह की आर्थिक हालत अच्छी हो रही.