खनन किए गए हीरे के प्रति पॉलिश कैरेट में औसतन 160 किलोग्राम ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं. इस पर रोक लगाने के लिए जीवा ने तरीका बदलने का सोचा और लैब ग्रोन डायमंड बनाये.
डायमंड हमेशा से ही महिलाओं की पसंद रहे हैं. लेकिन, डायमंड ज्वेलरी की कीमत सिर्फ पैसे नहीं पर्यावरण भी है. हीरे की खदानों के संचालन में इस्तेमाल होने वाले ऊर्जा स्रोत ग्रीनहाउस गैसों को बढ़ावा देता हैं . हीरा खनन में इस्तेमाल किए जाने वाले डीजल ईंधन, बिजली और हाइड्रोकार्बन सभी हवा में हानिकारक कार्बन छोड़ते हैं. खनन किए गए हीरे के प्रति पॉलिश कैरेट में औसतन 160 किलोग्राम ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं. इस पर रोक लगाने के लिए जीवा ने तरीका बदलने का सोचा और लैब ग्रोन डायमंड बनाये.
लैब में बने हीरे क्वालिटी या सुंदरता से समझौता किए बिना, सस्टेनेबल और एथिकल विकल्प देते हैं. ये पहल लक्जरी ज्वेलरी इंडस्ट्री को परिभाषित कर रहे हैं. ये चमचमाते रत्न धरती से खोदे जाने के बजाय प्रयोगशाला में बनाए गए हैं. वे बिल्कुल प्राकृतिक हीरे की तरह शुद्ध कार्बन से बने होते हैं, इसलिए वे बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं. इसके बनाने में कम कार्बन फ़ुटप्रिंट, कम पानी का इस्तेमाल और कम वेस्ट प्रोड्यूस होता है.