BHAKSHAK - सच्ची घटना पर आधारित नारी सशक्तिकरण की एक अनोखी मिसाल

वीडियो : निवेदिता झा, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत नवभारत टाइम्स के साथ की, जल्द ही स्वतंत्र पत्रकारिता की ओर बढ़ गई. उनकी कहानी की शुरुआत मुज़्ज़फरपुर, Bihar के  shelter home से शुरू हुई.

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निवेदिता झा पेशे से एक Independent Journalist है  और women empowerment का एक अद्भुत Example 

निवेदिता झा, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत नवभारत टाइम्स के साथ की, जल्द ही स्वतंत्र पत्रकारिता की ओर बढ़ गई. उनकी कहानी की शुरुआत मुज़्ज़फरपुर, Bihar के  shelter home से शुरू हुई. उनकी independent media coverage research में ये सामने आया की उस  shelter home में minor बच्चियों के साथ कितने दुर्व्यवहार हो रहे हैं, TISS (Tata Institute of Social Science) की एक ऑडिट और research रिपोर्ट में सामने इसका कला सच उज्जागर हुआ.

सूत्रों के मुताबिक TISS की रिपोर्ट मुज़्ज़फरपुर जिले के local मीडिया channels ने public में करी थी. 

इसी को दखते हुए निवेदिता ने अपनी खुद की investigation start करी. उन्हें इस काले सच को दुनिया के सामने लाने में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. जेसे उनकी जांच को खत्म करने के लिए उन्हें धमकियाँ मिलीं, उनपर जानलेवा हमले हुए, पुलिस ने उनकी report  दर्ज करने से भी मना कर दिया था, परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी. यह एक सच्ची घटना पर आधारित व्याख्या है जो एक classic male patriarchy और घिनौनी सोच को दर्शाता है, जिस NGO में ये सब हुआ वह state funded NGO था, वहां छोटी बच्चियों के साथ 

दुष्कर्म हो  रहा था. उसकी खबर थी सबको, पर power और दौलत के नाम पर हर किसी ने चुप्पी साध रखी थी. वहां के संचालक की ही इस कुकर्म में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी और उसी के कारन बहुत सारी बच्चियां गायब भी हुई थी.

निवेदिता झा women empowerment