चाहती तो राधिका ही होनी किस्मत पर रो सकती थी, हर दिन परेशां हो सकती थी, लेकिन उसमें अपनी परेशानियों से लड़ने की हिम्मत थी. रविवार विचार सलाम करता है, उसकी हिम्मत और हौसले को. अगर हर व्यक्ति राधिका जैसी सोच रखकर आगे बढ़े तो दुनिया के रंग ही बदल जाएंगे.
राधिका ए जे की कहानी एक इंस्पिरेशन है हर उस व्यक्ति के लिए जो अपनी छोटी सी तकलीफ से डरता है और हार मान लेता है. चाहती तो राधिका ही होनी किस्मत पर रो सकती थी, हर दिन परेशां हो सकती थी, लेकिन उसमें अपनी परेशानियों से लड़ने की हिम्मत थी. रविवार विचार सलाम करता है, उसकी हिम्मत और हौसले को. अगर हर व्यक्ति राधिका जैसी सोच रखकर आगे बढ़े तो दुनिया के रंग ही बदल जाएंगे.