Rajmata Jijabai ने बनाया शिवबा को छत्रपति शिवाजी महाराज !

वीडियो : जीजाबाई के गुण, उनका स्वतंत्र स्वभाव, नेतृत्व कौशल, बुराई के खिलाफ खड़े होने की मजबूत प्रवृत्ति, सपनों के लिए जुनून, निर्णय लेने की क्षमता और विचारों की स्पष्टता ही है जो आज की महिलाओं का प्रेरणा स्त्रोत है

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Shivaji की पहली शिक्षक थी राजमाता जिज़ाऊ 

शिवाजी का सपना था 'भगवा भारत', और इस सपने की उम्मीद उनकी आंखों में जगाई थी राजमाता जीज़ाऊ शाहजी भोंसले ने. वे अपने पुत्र की पहली शिक्षक थी. राजनीति हों, अस्त्र शस्त्र के उपयोग का ज्ञान हों, धर्मग्रंथों की जानकारी हों या प्रशासनिक बातें, यह सब कुछ शिवबा को सिखाया था उनकी आई ने.

जीजाबाई के गुण, उनका स्वतंत्र स्वभाव, नेतृत्व कौशल, बुराई के खिलाफ खड़े होने की मजबूत प्रवृत्ति, सपनों के लिए जुनून, निर्णय लेने की क्षमता और विचारों की स्पष्टता ही है जो आज की महिलाओं का प्रेरणा स्त्रोत है. छत्रपति शिवाजी महाराज़ जैसे व्यक्तित्व का पालन पोषण अपने आप में ही किसी परीक्षा से कम नहीं, वो भी ऐसे समय में जब हर तरफ मुग़लों ने खून की नदियां बहाई थी.

जीजाबाई भोसले निस्संदेह एक महान महिला, एक सशक्त मां और आज की महिलाओं के लिए एक आदर्श है. आज है तो shivaji jayanti, लेकिन शिवबा भी होते तो यही कहते कि आज उनका जितना नाम है वह सब उनकी आई राजमाता जीज़ाबाई शाहजी भोंसले की वजह से. अपने नाम के पहले शिवबा ने हमेशा अपनी आई का नाम रखा तो shivaji jayanti पर Ravivar vichar का सबसे पहला नमन जाता है जीज़ाऊ को.

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