इसमें रस है रूरल इंडिया का, संस्कृति का जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है और सबसे मीठा रस है उन सभी SHG का जिनके आने से यहां के ज़ायके में चार चांद लग गए. 17 फरवरी से नोएडा में शुरू हुए इस मेले में पर्यटन, कला और संस्कृति तो है ही, लेकिन SHG इसकी जान है.
सरस मतलब रस से भरा हुआ और सरस मेला 2023 भी कई तरह के रसों से भरपूर है. इसमें रस है रूरल इंडिया का, इसमें रस है उस संस्कृति का जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है और सबसे मीठा रस है उन सभी SHG का जिनके आने से यहां के ज़ायके में चार चांद लग गए. आपको लग रहा होगा कि यह खाने का मेला है लेकिन नहीं, यह ज़िंदगी का मेला है. 17 फरवरी से नोएडा में शुरू हुए इस आजीविका मेले की परंपरा कई सालों से है और साल दर साल यह आगे बढ़ता जा रहा है. साथ ही अपने स्वरुप और आकार में नई ऊंचाइयां छू रहा है. सेक्टर 33 के हाट कला केंद्र की भीड़-भाड़ और चमक-दमक देखकर मेले की सफलता का अंदाज़ा हो जाता है. सरस आजीविका मेला पर्यटन, कला और संस्कृति से तो भरपूर है ही, लेकिन SHG यानि स्वसहायता समूह इसकी जान है. इसमें भारत भर से आयी SHG महिलाओं की कई स्टॉल और डिस्प्ले है जो अपने राज्यों की कला, खान-पान के साथ संस्कृति को दर्शा रहे है. 2017 से ये मेला लोगों की पसंद बना हुआ है जिसे आजीविका मिशन की सफ़लता कहा जा सकता है.