केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'वोकल फॉर लोकल' मंत्र को पूरा करने का समय आ गया है. पिछले 9 वर्षों में, SHG सदस्यों की संख्या 2.35 करोड़ से बढ़कर 9 करोड़ हुई और 2024 तक 10 करोड़ सदस्यों को छू लेगी.
आज ये समूह उन महिलाओं के लिए भी उम्मीद की किरण बने जो ग्रामीण इलाकों में है, जिनके पास डिग्री नहीं, जो घर में रहकर ही अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं. स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाएं कार्यबल का हिस्सा बनतीं हैं, देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देतीं हैं, और समाज में अपनी नई पहचान बन असमानताओं को दूर करती हैं. ये समूह आज देश की 9 करोड़ महिलाओं की आर्थिक आज़ादी का सपना पूरा कर रहे हैं. इनको सहयोग देने के लिए सरकार ने 'राष्ट्रीय लखपति दीदी' योजना शुरू की. इस योजना के तहत स्वसहायता समूह (SHG) में शामिल होने वाली महिलाओं को रोजगार के साथ हर तरह की आर्थिक मदद की जाएगी. 'लखपति दीदी' योजना में हर महिला सदस्य की वार्षिक आमदनी काम से काम एक लाख रुपये करने का लक्ष्य है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल मंत्र को पूरा करने का समय आ गया है. पिछले 9 वर्षों में, SHG सदस्यों की संख्या 2.35 करोड़ से बढ़कर 9 करोड़ हो गई है और 2024 तक 10 करोड़ सदस्यों को छू लेगी. इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मंत्रालय नई महिला सदस्यों को नामांकित करने के लिए एक्टिव मोड पर काम कर रहा है. सरकार समूह के सदस्यों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए और उनके इनोवेटिव आइडियाज़ और उत्पादों को सहायता देने के लिए महिला स्वसहायता समूह बैंक बनाने पर भी विचार कर रही है.
यदि इसी तरह से सरकार लगातार SHG महिलाओं के लिए नई योजनाएं लाकर उनका साथ देती रहेगी तो ये समूह, देश में चल रही आर्थिक क्रांति को और आगे ले जा पाएंगे और महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आंकड़ों में भी बदलाव देखने को मिल सकेगा. ये समूह आगे चलकर ऐसे बेहतर समाज का निर्माण कर सकेंगे जहां समानता, आज़ादी, न्याय और सपने सच करने के बराबर अवसर होंगे.