'ईयर ऑफ द मिलेट्स 2023' के साथ SHG

WHO ने साल 2023 को 'ईयर ऑफ द मिलेट' घोषित किया. भारत में तो इसे प्राचीन कल्चर फ़ूड के रूप में लोग उपयोग करते रहे. जुवार, बाजरा,कोदो, कुटकी जैसे अनाज का हमारे आदिवासी और ग्रामीणों का पुराना रिश्ता रहा.

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मिलेट्स को लेकर पूरी दुनिया का ध्यान तब गया जब आधुनिक मान लिए जाने वाले धान,गेहूं का उपयोग खाने में बढ़ गया. नतीजा बीमारी जैसे दुष्परिणाम देखने को मिले. आखिरकार दुनिया ने मोटे अनाज की तरफ रुख किया. WHO ने साल 2023 को 'ईयर ऑफ द मिलेट' घोषित किया. भारत में तो इसे प्राचीन कल्चर फ़ूड के रूप में लोग उपयोग करते रहे. जुवार,बाजरा,कोदो,कुटकी जैसे अनाज का हमारे आदिवासी और ग्रामीणों का पुराना रिश्ता रहा. भारत में कई स्वसहायता समूहों ने मिलेट्स के उत्पादन में बढ़ चढ़कर योगदान दिया। SHG ने मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दिया, नई रेसिपी खोजी, किसीने कुकीज़ तो किसीने डोसा बनाया।  

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