इन मर्दानियों पर देश को गर्व है

वे हर उस लड़की के लिए इंस्पिरेशन है जो आज उस वर्दी कि शोभा बढ़ा रही है. ऐसे ही कुछ नामों का ज़िक्र यहाँ किया गया है, जिन्होंने कानून को मेंटेंन करना ही अपनी ज़िन्दगी का एक मात्र उद्देश्य बना लिया.

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ताकत, हिम्मत, और, दृढ निश्चय, अगर साथ हो तो किसी भी काम को करने में कोई भी परेशानी नहीं आती. हां ये बात सच है कि जीवन जीने के लिए हर मोड़ पर कोई न कोई बाधा खड़ी हो ही जाती है, लेकिन उनसे ऊपर बढ़ कर अपनी जीत का परचम लहराने का नाम ही ज़िन्दगी है. कहा जाता है कि भारत पितृसत्तात्मक विचारधारा का देश है. लेकिन इस तरह कि बातों को गलत साबित कर देती है वो महिलाएं जो आए दिन पुरुषों को पीछे छोड़कर नए मुकाम हासिल कर रही है. 

एक फील्ड ऑफ़ वर्क है 'भारतीय सिविल सेवा' जिसमे हर साल ना जाने कितने परीक्षार्थी इस परीक्षा को देने के लिए बैठते है, और टॉप करने वाली ज़्यादातर महिलाएं ही होती है. 'किरण बेदी' वो नाम है जिन्होंने सब लोगों के मुँह पर ताले लगा दिए और भारत कि सबसे पहली महिला IPS बनी. वे हर उस लड़की के लिए इंस्पिरेशन है जो आज उस वर्दी कि शोभा बढ़ा रही है. ऐसे ही कुछ नामों का ज़िक्र यहाँ किया गया है, जिन्होंने कानून को मेंटेंन करना ही अपनी ज़िन्दगी का एक मात्र उद्देश्य बना लिया, और आज यह साबित कर रही है कि यह दुनिया सिर्फ पुरुषों कि नहीं है.

पितृसत्तात्मक किरण बेदी भारतीय सिविल सेवा