अगरबत्तियों की सुगंध से महकी SHG महिलाओं की ज़िंदगी

धनलक्ष्मी स्वयं सहायता समूह में, सहायक मार्गदर्शक संतोष अलावा और अध्यक्ष उषा दीदी के नेतृत्व में अगरबत्तियाँ बनाने का काम शुरू हुआ. इस समूह में अगरबत्तियाँ विभिन्न सुगंधों वाले पदार्थ  जैसे चंदन, गुलाब , मोगरा, पाइनएप्पल आदि से बनाई जाती हैं.

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भारत की सामाजिक और धार्मिक रीतियों में सुगंध का अपना अलग महत्व है . किसी भी पूजा,अनुष्ठान, समारोह या आयोजन में इस सुगंध को लेकर आती है अगरबत्ती. हमारी भौतिकता और आध्यात्मिकता के बीच में ब्रिज का काम करती है अगरबत्ती, जिनकी महक से पवित्र वातावरण बनाता हैं. अगरबत्तियाँ आध्यात्मिक उपयोग  के साथ योग, ध्यान या सिर्फ अच्छे माहौल में भी काम ली जाती है .

अब ऐसी सात्विक महकदार और खुशनुमा चीज़ से देश की महिलाओं को कैसे अलग रखा जा सकता था . इसलिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की मदद से ऐसी ही एक पहल उज्जैन जिले में स्थित कुंगारा में की गयी . यहां के धनलक्ष्मी स्वयं सहायता समूह में, सहायक मार्गदर्शक संतोष अलावा और अध्यक्ष उषा दीदी के नेतृत्व में अगरबत्तियाँ बनाने का काम शुरू हुआ. इस समूह में अगरबत्तियाँ विभिन्न सुगंधों वाले पदार्थ  जैसे चंदन, गुलाब , मोगरा, पाइनएप्पल आदि से बनाई जाती हैं. इस समूह की शुरआत 2021 में हुई. समूह में १२ महिलाएं हैं जो अलग अलग कार्यभार संभाल रही है . कुछ महिलाएं अगरबत्ती प्रोडक्शन में , कुछ मार्केटिंग , पैकेजिंग तथा कुछ डिस्ट्रीब्यूशन में अपनी पूरी लगन से काम कर रही है और महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश कर रही है .

यह समूह उदाहरण है की कैसे सफल,सशक्त और सेल्फ डिपेंडेंट महिला,  परिवार समाज और देश की स्थिति को  बदलने में बड़ा योगदान कर सकती हैं. या यूँ कहें की कैसे धनलक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्मबल की सुगंध हर जगह फैला रही है .

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