सिंहस्थ के पहले भरोसे की बिसात, प्रशासनिक जमावट में पसंदीदा अफसर

सिंहस्थ के पहले ही प्रशासनिक भरोसे की बिसात बिछने लगी.प्रयागराज में कमियों से सबक लेकर CM मोहन यादव ने अपने भरोसेमंद IAS अफसरों को इंदौर-उज्जैन की कमान सौंपी. 

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कलेक्टर आशीष सिंह नवागत कलेक्टर शिवम वर्मा का स्वागत करते हुए -Image :Ravivar

इंदौर संभाग के नए कमिश्नर डॉ.सुदाम खाड़े होंगे.उधर जैसा पहले से ही कयास लगा लिए गए थे, वही हुआ. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को उज्जैन कमिश्नर बनाया गया.वे पहले से सिंहस्थ मेला अधिकारी हैं ही.
इधर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा अब इंदौर कलेक्टर की भूमिका में होंगे. सिंहस्थ के मद्देनज़र इन अधिकारियों इन संभागों में यूहीं नहीं भेजा,हर ऑफिसर की अपनी खासियत भी है.

मिडिया प्रबंधन,मिलनसार और सीएम की पसंद डॉ.खाड़े       

इंदौर कमिश्नर के रूप आने वाले डॉ.सुदाम खाड़े अपनी सेवाओं में हमेशा निर्विवाद रहे. इंदौर की अंदरूनी उठापठक और राजनितिक गुटबाजी के बीच डॉ.खाड़े को जानने वाले मानते हैं खाड़े मिडिया प्रबंधन में एक्सपर्ट हैं.उनकी मिलनसारिता जगजाहिर है.साथ ही अपनी कार्यशैली से वे CM Dr. Mohan Yadav की पहली पसंद में शामिल हैं.

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कमिश्नर डॉ.सुदाम खाड़े

यही कारण रहा कि ग्वालियर कमिश्नर का कार्यकाल बहुत छोटा रहा और उन्हें public relations का commissioner बनाकर भोपाल बुला लिया गया था.
जहां Dr.Sudam Khade ने जनसंपर्क विभाग में रहकर विभिन्न योजनाओं के साथ मुख्यमंत्री यादव की छवि को और बढ़ने के लिए दिन-रात एक कर दिए.और यही वजह प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित इंदौर संभाग की कमान उनको सौंपी गई.    

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स्थानांतरित कमिश्नर दीपक सिंह

इधर स्थानांतरित कमिश्नर दीपक सिंह का कार्यकाल यहां जरूरतमंदों के लिए यादगार बन गया.सिंह के प्रयासों से ही संभाग में लगातार मेडिकल कैंप ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में लगवाए गए.यहां धरातल पर एक्सपर्ट डॉक्टर्स का इलाज मरीज़ों को मिला.वे अब चुनाव आयोग में सह सचिव का काम संभालेंगे.       

महाकाल का आशीष और मोहन के चहेते पहुंचे उज्जैन  

ब्यूरोक्रेट्स और राजनीति में समझ रखने वालों को उसी दिन अंदाज़ा हो गया था आने वाले दिनों में आशीष सिंह उज्जैन के कमिश्नर बनाए जाएंगे, जिस दिन इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को उज्जैन सिंहस्थ मेला अधिकारी बनाया गया था.और हाल ही में उज्जैन कमिश्नर भी बना दिए गए. 
बाबा महाकाल का आशीष और Chief Minister Dr.Mohan Yadav के चहेते आशीष सिंह ने नवाचार कर इंदौर में अपनी खास जगह बनाई. ख़ासकर भिक्षुकों से परेशान इंदौर को मुक्त करवाने में उनकी भूमिका को याद रखा जाएगा.जनसुनवाई में त्वरित निर्णय और कब्जे की सरकारी ज़मीनों को छुड़वाकर राजस्व में इज़ाफ़ा भी बड़ी उपलब्धि रही. बड़े आयोजनों के सफल प्रबंधन और सीएम का इंदौर ज़िले का प्रभार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में समन्वय से कुछ समय में ही आशीष सिंह, सीएम यादव की पसंद में शामिल होते चले गए. 

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कमिश्नर आशीष सिंह

आशीष सिंह के सामने अब उज्जैन में सिंहस्थ तैयारियों को लेकर बड़ी चुनौती होगी.सीएम यादव का गृह जिला होने के अलावा सोशल मिडिया सहित AI जैसे टूल में तेज़ी से बदलाव का असर भी सिंहस्थ मेले में दिखेगा. ऐसे दौर में सीएम यादव की वजह से प्रतिष्ठा डबल मानी जा रही है.सभी की नज़रें आशीष सिंह पर होंगी.    
इधर नगर निगम इंदौर में ही कमिश्नर रहे शिवम वर्मा को यहीं की कलेक्टरी सौंप दी.
यहां की आबोहवा और शहर की चुनौतियों से वर्मा वाकिफ हैं.उम्मीद की जाना चाहिए कि कलेक्टर के रूप में वर्मा को अपने पूर्व कार्यकाल का बोनस मिल गया.
ट्रेफिक सुधार,अतिक्रमण और अधूरे निर्माण को पूरा करवाने के लिए अब शहर की निगाह नवागत कलेक्टर शिवम वर्मा पर टिकी है.   

मालवा-निमाड़ में परिवारिक तालमेल


यह पहला मौका है जब मालवा-निमाड़ में अफसरों में पारिवारिक तालमेल भी देखने को मिल रहा.
शिवम वर्मा को इंदौर कलेक्टर बनाया गया,जबकि बड़वानी कलेक्टर के रूप में वर्मा की पत्नी जयति सिंह को भेजा गया.इससे पहले खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल हैं जबकि उनके पति ऋषव गुप्ता खंडवा कलेक्टर हैं.
यही नहीं खंडवा के जिला पंचायत CEO IAS नागार्जुन गौड़ा पदस्थ हैं और वहीं उनकी पत्नी IAS सृष्टि गौड़ा बुरहानपुर में जिला पंचायत CEO के पद पर पदस्थ हैं.
अक्सर आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स ज़िले में पदस्थ होने के दौरान काफी दूर और अलग इलाकों में होते हैं.मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कामकाज के साथ परिवार की प्रथमिकता में संवेदनशीलता दिखाई.       

Commissioner Chief Minister Dr.Mohan Yadav