पेरिस ओलंपिक्स जाने की ख़ुशी नहीं, क्या पहना उसका दुःख !

जहां एक तरफ हर व्यक्ति जेहनारा नबी को मुबारक दे रहा है, वहीं कुछ है जिन्हें नबी के पहनावे से बेहद फर्क पड़ता है. उनका कहना है कि "मुस्लिम लड़की को यह सब पहनना शोभा नहीं देता." 

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रिसिका जोशी
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jehanara nabi pakistani swimmer

Image Credits: Google Images

हाल ही में एक खबर बहुत ट्रेंड कर रही है. पाकिस्तान की एक फीमेल तैराक ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भले ही कोई पदक ना जीता हो, लेकिन दुनिया का हर व्यक्ति उसकी तारीफ कर रहा है. कारण है कि वह एक ऐसे देश से सामने आई है जहां लड़कियों को हमेशा बंद दरवाज़े के पीछे रखा जाता है.

पाकिस्तानी तैराक जेहनारा नबी ने तोड़ी बेड़ियां

बात ही रही है 20 साल की पाकिस्तानी तैराक जेहनारा नबी की, जिन्हे पेरिस ओलंपिक्स में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली थी. भले ही उन्होंने कोई मैडल ना जीता हो, लेकिन उनकी परफॉरमेंस को सब ने सरहाया है. जेहनारा पेरिस ओलंपिक्स 2024 की ओपनिंग सेरेमनी में पाकिस्तान की फ्लैग बियरर भी थी.

उन्होंने अपनी हर रुकावट को पीछे छोड़कर ओलंपिक्स जैसे इतने बड़े पलटोफ्मर पर अपने देश को रिप्रेजेंट किया. उनसे लिए बहुत सारे लोंगों ने उन्हें सरहाया.

नबी 200 मीटर फ़्रीस्टाइल स्पर्धा में कम्पीट कर रही थी और अपनी हीट में तीसरे और कुल मिलाकर 26वें स्थान पर रही. नबी 29.80, 32.49, 33.80 और 34.60 के विभाजन के साथ अल्बानिया, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और नेपाल के प्रतिस्पर्धियों से आगे थी.

कुछ लोगों के लिए क्या पहना वह महत्वपूर्ण !

जहां एक तरफ हर व्यक्ति जेहनारा नबी को मुबारक दे रहा है, वहीं कुछ है जिन्हें नबी के पहनावे से बेहद फर्क पड़ता है.

उनका कहना है कि "मुस्लिम लड़की को यह सब पहनना शोभा नहीं देता.

वे पूछ रहे है कि, "क्या हम हमारे मां, बहनो, बेटियों को यह पहनने की अनुमति देंगे भले ही वे दुनिया के सबसे बड़े स्टेज पर खड़ी हो?"

आज भी कुछ लोगों के झन में यह बात घर कृ हुई है कि एक लड़की के पहनावे से बहुत फर्क पड़ता है. उनके हिसाब से लड़की को हमेशा परदे में रहना चाहिए, क्योंकि अगर वह कुछ ऐसा पहन रही है जिसमें उनके हाथ या पाँव दिख रहे है तो वह अच्छी लड़की नहीं है और वह किसी लायक नहीं है.

अगर एक लड़की घर के बाहर शॉर्ट्स पहनकर निकल जाए तो उसके बारे में क्या क्या सोचा जाता है यह किसी से छुपा नहीं है. लेकिन हद तो तब हो गई है जब एक ओलंपिक क्वालीफायर को भी इस चीज़ का सामना करना पड़ रहा है. अब एक लड़की अपने आप को साबित करने के लिए और क्या कर दे?

हैरान हूं मैं, और लोगों की सोच पर तरस भी आ रहा है. एक लड़की को कितना रोकने की कोशिश करेंगे ये सब. उसे मुबारक देना तो दूर, वह क्या पहन रही है वह ज़्यादा बड़ी परेशानी है इनकी. धर्म के नाम पर पहले ही लड़कियों को इतना दबा चुके है. इतना होने के बाद भी देश में महिलाओं को लेकर अपराध तो रोक नहीं पा रहे ये धर्म के प्रचारक.

रिपोर्ट्स बहुत है और सब ये ही कहती है कि महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देशों में से एक है पाकिस्तान. तो अगर पूरे ढके होने से महिलाएं सुरक्षित रहती तो यह देश तो सबसे आगे होना चाहिए था. अपनी सोच को बदलना तो दूर यह मानाने को भी तैयार नहीं है कि है हम कुछ गलत कर रहे है.

हर व्यक्ति के लिए धर्म ज़रूरी है, लेकिन किस जगह पर धर्म छोड़कर विकास के बारे में सोचना है, पाकिस्तान के आदमियों को शायद यह समझ नहीं आ रहा है.

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