भारत में इन दिनों आईपीएल (IPL) के 16वें सीजन (16th Season) का क्रेज़ आसमान छू रहा है. आईपीएल 2023 (IPL 2023) सीज़न में एक बार फिर से ग्लैमर का तड़का लगाने चीयरलीडर्स (cheerleaders) मैदान में लौटी. कोरोना महामारी के चलते चीयरलीडर्स को मैच से हटा दिया गया था.आईपीएल में ज़्यादातर चीयरलीडर्स विदेशी हैं. इस बार उनका चीयरलीडिंग का अनुभव अच्छा नहीं रहा. वजह थी कुछ क्रिकेट फैंस की इनके प्रति बदतमीज़ी.
राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद (Rajasthan Royals vs Sunrisers Hyderabad) के मैच के दौरान, एक व्यक्ति को प्लेकार्ड पकड़े हुए देखा गया, जिस पर लिखा था: 'मैं यहां रूसी चीयरलीडर्स देखने आया हूं, मैच नहीं'. जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में मैच देखने आए दर्शकों को चीयरलीडर्स के साथ अभद्रता से पेश आते हुए देखा गया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 25 सेकंड के एक वीडियो में सुना जा सकता है कि दर्शक चीयरलीडर्स से कहते हैं, "हैलो हाय आपको ही देखने आए हैं हम, मैच तो कभी भी देख सकते हैं टीवी पर. देखो लाइन मार रही है वो, लाइन मार रही है. हैंडसम लड़का नहीं देखा क्या आपने." वीडियो में चीयरलीडर्स को असहज महसूस करते देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो (viral video) पर लोगों ने कमेंट कर अपना गुस्सा जताया. ऐसे लोगों को तुरंत स्टेडियम के बाहर निकाल देने को कहा. आईपीएल में यह पहली बार नहीं है जब हमने चीयरलीडर्स को उत्पीड़न का सामना करते देखा. पिछले सीज़न कुछ खिलाड़ियों द्वारा चीयरलीडर्स को परेशान करने का मामला भी सामने आया था. 2011 में साउथ अफ्रीका की चीयरलीडर गैब्रिएला पासक्वालोटो ने आईपीएल मैच के बाद होने वाली आफ्टर पार्टी में चीयरलीडर्स के साथ गलत बर्ताव के बारे में अपने ब्लॉग में शेयर किया था. अपने ब्लॉग में उन्होंने बताया कि एक बार नशे की हालत में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के कुछ खिलाड़ियों ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया था. इसके बाद आईपीएल मैचों की आफ्टर पार्टी में कई तरह के बदलाव किये हैं.
ये घटनाएं आज भी महिलाओं के पहनावे और काम करने की आज़ादी पर सवाल खड़े करती हैं. पूरी दुनिया में फेमस आईपीएल जैसे इवेंट में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में लाती है. ये वो मानसिकता है जिसमें महिलाओं को किसी ऑब्जेक्ट की तरह ट्रीट किया जाता है. किसी की निजी बॉउंड्रीस का सम्मान करना इतना मुश्किल होना तो नहीं चाहिए, पर नैतिकता की कमी से ऐसा हो रहा है. किसी भी महिला को सम्मान देना उस पर उपकार करना नहीं होता- इस बात को समझने से एक बेहतर समाज और सुरक्षित दुनिया का निर्माण हो सकेगा.