मेहनत कर, अपनी जमापूंजी के साथ जोड़कर, कुछ काम की शुरुआत करने का सोचती है. क्यूंकि उन्हें सरकार की स्कीम के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती, वे इस काम के लिए किसी भी आदमी पर विश्वास भी कर लेती है. अपने पुरे पैसों के साथ एक व्यक्ति पर विश्वास करना कभी भी सही नहीं, लेकिन इन महिलाओं के पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बचता. पढ़ने लिखने में इतनी आगे नहीं होती और ऐसे में इनका फायदा उठाना किसी के लिए भी आसान हो जाता है.
राजस्थान, डूंगरपुर के रामसागड़ा थाना क्षेत्र में 24 महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) के 8 लाख 33 हजार रुपए से ज्यादा की राशि के गबन का मामला सामने आया है. महिला समूह का फील्ड मैनेजर ये रुपए लेकर भाग गया. मामला सामने आने के बाद महिलाओं ने रामसागड़ा थाने में केस दर्ज करवाया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. थानाधिकारी रामस्वरूप ने बताया- "प्यारी देवी, जो कि महिला मंडल समिति माडा की सचिव है ने रिपोर्ट दर्ज करवाई. उसके साथ 24 महिला Self Help Group जुड़े हुए हैं. कांतिलाल पुत्र शिवाजी डामोर का निवासी है जो की समूहों का रिप्रजेंटेटिव (मैनेजर) है. कांतिलाल महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठक कर उनसे राशि जमा करता है, जिसकी एक डायरी में एंट्री करने के बाद गामड़ी अहाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा करवाते है."
पीड़िता ने बताया- "31 मार्च को सभी SHGs के वित्तीय लेनदेन की ऑडिट की गई. जांच के दौरान SHG की जमा रकम में गड़बड़ी मिली." राशि कांतिलाल ने बैंक में जमा नहीं करवाई, जबकि बैंक के फर्जी वाउचर, सील, हस्ताक्षर कर रसीद बना ली. उसने चेक पर साइन कर स्वयं सहायता समूह के नाम से लोन भी उठा लिया. इस तरह आरोपी ने कुल 8 लाख 33 हजार 149 रुपए का गबन किया है. आरोपी ने फर्जी वाउचर, सील और साइन कर रुपए हड़पे हैं. थानाधिकारी ने बताया- "महिला स्वयं सहायता समूह की रिपोर्ट पर केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है और आरोपी कांतिलाल डामोर की तलाश की जा रही है."
इस तरह की धोकाधड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ कुछ समय से बढ़ गयी है. सरकार की ओर से SHGs को आगे बढ़ाने के लिए काम तो जारी है, लेकिन इन महिलाओं के समूह की देख रेख करने वाले व्यक्तियों पर विश्वास किया भी जाए तो कैसे? महिलाएं अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लगा देती है खुद को आगे बढ़ने में, लेकिन कुछ तत्वोंके कारण वे चाह कर भी उन्नति की राह पर आगे नहीं बढ़ पा रहीं.