भ्रष्टाचार, असमानता, और गरीबी की समस्या कितनी गंभीर है, इसका अंदाज़ा उत्तर प्रदेश राज्य के अलीगढ़ (Aligarh) ज़िले में स्थित इगलास (Iglas) कस्बे की घटना से लगाया जा सकता है. एक महिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) के पास झाड़ियों में अपने बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर हो गई. अधिकारियों ने उससे 1 हज़ार रुपयों की रिश्वत मांगी, जिसे वो दे न सकी. इगलास की ये घटना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के गरीबों के अनुकूल स्वास्थ्य सेवा के दावों को झुठलाती नज़र आई.
स्वास्थ्य केंद्र (Health Center) से बाहर निकलते ही सुमन का दर्द बढ़ गया और इलाके में मौजूद महिलाओं ने उसे बच्चे को जन्म देने में मदद की. दर्द से तड़पती सुमन के चारों ओर महिलाओं ने 'साड़ियों की दीवार' बनाई. उन महिलाओं की मदद से सुमन ने एक सार्वजनिक मार्ग के पास अपने बच्चे को जन्म दिया.
लोकल सिविक बॉडी चेयरमैन (Local Civic Body chairman) के कहने पर महिला को जिला अस्पताल लाया गया. इगलास सीएचसी के अधीक्षक ने कहा है कि आरोपों की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. बच्चे के जन्म का यह वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. सुमन नाम की महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद सीएचसी ले जाया गया. नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 1 हज़ार रुपये के भुगतान के बिना सुमन को भर्ती करने से इनकार कर दिया. उन्हें बाहर कर दिया गया क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे.
घटना के बाद कई महिलाओं ने इगलास नगरपालिका के अध्यक्ष कमलेश शर्मा से इस घटना की शिकायत की. सुमन को तत्काल सरकारी एंबुलेंस से जिला महिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. नवजात की भी विशेष देखभाल की जा रही है. इस बीच, अलीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है. सीएचसी अधीक्षक डॉ. रोहित भाटी ने कहा कि इस क्रूर व्यवहार के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
आज भी देश में स्वास्थ्य सुविधायें लक्ज़री बनी हुई हैं जबकि, यह हर नागरिक का अधिकार है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हर तबके तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लक्ष्य से शुरू किये जाते हैं. पर, भ्रष्टाचार की वजह से सुविधा का लाभ ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता. ज़रूरी है कि इस घटना की जांच हो और इस तरह के असंवेदनशील व्यवहार के लिए सख्ती बरती जाये.