ओडिशा (Odisha)के ढेंकनाल जिले में कामाख्यानगर पुलिस सीमा के तहत बिजाडीही गांव के एक स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की कम से कम 15 महिला सदस्यों ने एक साथी सदस्य और उसके पति पर 15 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. जिसकी वजह से समूह की महिलाओं ने सामूहिक रूप से आत्महत्या (threatened to commit mass suicide) करने की धमकी दी है.
अनपढ़ महिलाओं का विश्वास हासिल करने के बाद, स्वयं सहायता समूह (SHG) की अध्यक्ष ममता साहू और उनके पति दुष्मंत साहू ने कथित तौर पर एक फाइनेंस कंपनी (finance company) से उनके नाम से 15 लाख रुपये निकाले और अब वे फरार हैं.
मामला तब सामने आया जब फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी EMI की रकम लेने गांव पहुंचे. इस घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया है. पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि उनके पति उनके साथ मारपीट कर रहे हैं और घर में नहीं घुसने दे रहे हैं. महिलाओं की शिकायत के आधार पर कामाख्यानगर पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर फरार दंपति की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है.
गांव में 15 महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाया था. वे बैंकों से छोटे लोन लेकरउस राशि को रोज़गार शुरू करने में इस्तेमाल करना चाहती थी. SHG अध्यक्ष ममता साहू और उनके पति ने महिलाओं को मिठाई और कोल्ड ड्रिंक देकर कागज पर धोके से उनकी उंगलियों के निशान ले लिए. बाद में, दंपति ने पीड़ितों की उंगलियों के निशान का इस्तेमाल कर 15 लाख रुपये निकाले और गांव छोड़कर भाग गए.
अब फाइनेंस कंपनियों के एजेंट पीड़ितों पर कर्ज की रकम चुकाने का दबाव बना रहे हैं. इससे महिलाओं और उनके परिवारों में तनाव का माहौल है. अब ये लोग असहाय और परेशान महसूस कर रहे हैं क्योंकि आरोपी दंपति का कोई पता नहीं चल पा रहा.
वित्त एजेंटों ने कहा कि वे अपनी कंपनी से ऋण राशि एकत्र करने के लिए दबाव में है, जबकि, पीड़ितों के पास ऋण भुगतान के लिए पैसे नहीं है. कोई दूसरा रास्ता न बचने और इस संबंध में कोई ठोस कदम न उठाए जाने पर, महिलाओं ने सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी दी है.
महिलाओं का घर से बहार निकलना, रोज़गार शुरू करने का सोचना, अपने आप में हिम्मत की बात है. कई चुनौतियां का सामना करने के बाद उन्होंने समूह से जुड़ने की हिम्मत की. पर, इस धोखाधड़ी ने उनके मनोबल को पूरी तरह तोड़ दिया. इस तरह की घटनाएं दूसरी महिलाओं को भी समूह से जुड़ने के लिए रोकेंगी और SHG पर उनका विश्वास ख़त्म हो जायेगा. इस तरह के मामलों में जल्द कार्यवाही कर समूह सदस्यों को इंसाफ दिलवाने की ज़रुरत है.