चुनौतियों को समझा पतझड़ और जंगलों को बचाने में जुटीं ग्रीन सोल्जर्स

चुनौतियों को पतझड़ समझ झटक दिया और ज़िद के साथ जंगलों को बचाने में सफल हो रहीं हैं कुछ वन रक्षक. इन ग्रीन सोल्जर्स के चर्चे जंगल से निकल कर समाज तक पहुंचे. इन सोल्जर्स ने अलग ही पहचान बना ली.  

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नेशनल पार्क में घने वन क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान पुष्पलता Image :Ravivar

मध्य प्रदेश के Balaghat ज़िले के कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) में जंगलों को सुरक्षित करने के लिए उठाए गए प्रयासों की सराहना की जा रही. वनों की सुरक्षा के लिए 55 वन रक्षक महिलाएं (Forest Guard) मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दे रहीं. इनकी अपनी समस्याएं हैं,जिन्हें दरकिनार ये ग्रीन सोल्जर्स (Green Soldiers) अपने कर्तव्य निभा रही.इनकी सेवाएं और अनुभव आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए. 

गोदी में मासूम और मधुमक्खी के हमलों से किया मुकाबला 

नेशनल पार्क में शामिल महिला ग्रीन सोल्जर है शिक्षा सोनी को अपने एक साल के बच्चे के साथ जंगल में घूमते देखा जा सकता है.समनापुर रेंज के बफर जोन में सेवाएं देती हुई शिक्षा कहती हैं -"मुझे जंगलों से पहले से लगाव था. पता था जोखिम से भरा जंगल है।एक बार गढ़ी रेंज मधुमक्खियों के झुण्ड ने हमला कर दिया.बिना डरे हिम्मत से काम लिया.दस दिन इलाज के बाद फिर ड्यूटी पर तैनात हो गई.मुझे कई बार अपने बच्चे के साथ भी ड्यूटी करनी होती है."    

 

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वन में गश्त के दौरान अपने बच्चे के साथ शिक्षा सोनी Image :Ravivar

परिवार से लगभग 250 किमी दूर शिक्षा 9 सालों से सेवाएं दे रहीं. 

पति की स्मृति में जंगल को समर्पित की ज़िंदगी 

इस ghne इलाके में केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि कई ग्रीन सोल्जर्स के रोमांचक किस्से सुने जा सकते हैं.ऐसे में ही पुष्पलता तराम भी सजग और पूरी चौकसी के साथ कान्हा कोर क्षेत्र में तैनात है।
पुष्पलता कहतीं हैं-"मेरे पति चुन्नीलाल का निधन भी जंगल में गश्त के दौरान 3 साल पहले इसी जंगल में हुआ था. शुरुआत में मैं काफी टूट गई.नेटवर्क  की परेशानी से सही समय सूचना नहीं मिल पाई और उनका निधन हो गया.अब उनकी स्मृति में ही मैंने अपना जीवन जंगल की सुरक्षा में समर्पित कर दिया."

पुष्पलता पर दुखों का पहाड़ तब और टूट गया जब बड़ा बेटा भी चल बसा.
बफर जैसे सघन वन में सेवाओं के दौरान वन्य प्राणियों से भी सतर्कता बरतती है.पुष्पलता लगभग 12 से 15 किमी रोज़ गश्त देकर वनों की रक्षा अपनी टीम के साथ कर रही है.  
बालाघाट ज़िले में तैनात इन वन रक्षकों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही.