आत्मविश्वास से की मेहनत, समाज में बनी मिसाल

महिलाओं ने साबित कर दिया वो घर के साथ दूसरे काम भी कर सकती. आत्मविश्वास  से मेहनत और फिर समाज की मिसाल बन गई. दो घरेलु महिलाओं की ख़ास कहानी.

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अपने थ्रेशर और कृषि ट्रेक्टर के साथ कमला बाई

कमला बाई कहती हैं-"हमारे यहां परंपरागत खेती होती रही.अधिक उत्पादन नहीं होने से इनकम भी नहीं और घर चलाना मुश्किल था.धीरे-धीरे समूह को समझा और ज़िंदगी पटरी पर आ गई. आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद से गायत्री स्वयं सहायता समूह बनाया और फिर काम शुरू किया. हमारी इनकम एक लाख रुपए हर साल से अधिक होने लगी."

थ्रेशर मशीन से चमकी मेहनत 

नरसिंहपुर ज़िले के ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ज्वाला करोसिया कहते हैं- "चावरपाठा गांव में समूह का गठन किया.लोन सुविधा का लाभ दिलाया और इसी से कमला बाई ने थ्रेशर मशीन और कृषि मशनरी सर्विस यूनिट तैयार की.और समय पर लोन चुकाया."

प्रतिष्ठित साहूकार बन परिवार को दिलाया सम्मान 

नरसिंहपुर ज़िले के ही पिपरिया अकाई की जानकी ढीमर ने भी स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपने कामकाज को बढ़ाया.
जानकी बाई कहती हैं-"हमने मां अंबे स्वयं सहायता समूह बनाया.इसके सहारे मुझे 50 हज़ार रुपए का लोन मिल गया. शुरुआत में सिलाई का काम किया कमाई शुरू हुई.इसके बाद मैंने कपड़े की दुकान का भी संचालन शुरू किया.अब हर महीने लगभग 15 हज़ार रुपए महीने  कमाई होने लगी."

नरसिंहपुर ज़िले के ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ज्वाला करोसिया बताते हैं-" समूह को हमने village organization और CLF महागौरी संकुल संगठन इमलिया से जोड़ा.जानकी बाई ने अपनी मेहनत से समूह को नै पहचान दिलाई."
नरसिंहपुर जिले में ग्रामीण आजीविका मिशन की DPM मीना परते कहती हैं -"जिले में स्वयं सहायता समूह की सदस्यों ने नवाचार किया और शासन की सुविधा का लाभ उठाया.ये महिलाएंआत्मनिर्भर बनी.हम लगातार ट्रेनिंग भी दिलवाते हैं." 

ग्रामीण आजीविका मिशन स्वयं सहायता समूह CLF Village Organization नरसिंहपुर