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शहनाज़ ने इस लैटर में किसी और के नहीं बल्कि खुद के पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर किये है. किस तरह हर वक़्त वे डर में रहती थी, किस तरह उन्हें अपने कुछ कपड़ों से नफरत हो गयी थी, किस तरह उनके लिए कॉलेज जाना और घर वापस आना बेहद मुश्किल बन चुका था.
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