पुरानी पद्धति और आधुनिक तकनीक का तालमेल ही रिजनरेटिव कृषि: सांसद गुप्ता

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय मूल्यों, पुरानी पद्धति से खेती और वर्तमान आधुनिक तकनीक का तालमेल ही रिजनरेटिव एग्रीकल्चर मेथड है.यही प्रासंगिकता है.भारत की पहचान है.

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नेशनल सेमिनार को संबोधित करते हुए सांसद सुधीर गुप्ता -Image Credits: Ravivar

"वैश्विक चुनौतियों और अन्य देशों की हमारे देश की खेती,उत्पादकता पर टेढ़ी नज़र पर हमें सतर्क रहना होगा. भारत की मजबूत होती अर्थ व्यवस्था का आधार ही हमारी खेती और उत्पादकता है.ऐसे में ग्लोबल देश हमारी खेती और अन्य प्रोडक्ट्स के मार्किट पर कब्ज़ा करना चाहते हैं.ऐसे समय सॉलिडेरिडाड जैसी संस्था की प्रासंगिता और जवाबदारी जाती है." यह बात मंदसौर लोकसभा के सांसद सुधीर गुप्ता (Sudheer Gupta) ने सॉलिडेरिडाड संस्था द्वारा आयोजित national workshop में कही.          

मिट्टी की बेहतर सेहत के लिए केमिकल से दूरी जरुरी

सांसद सुधीर गुप्ता ने आगे कहा-"शुरुआत में हमारी कृषि पद्धति अनूठी थी.किसान एनिमल वेस्ट को एग्रीकल्चर बेस्ट और एग्रीकल्चर वेस्ट को एनिमल मेथड बनाकर खेती करता था.अब ऐसा नहीं है. मैं मनाता हूं कि पुरानी पद्धति पूरी तरह अब प्रासंगिक नहीं रही.परंतु हमें एडवांस एग्रीकल्चर मेथड के साथ हमारी पुरानी पद्धति को ध्यान में रखना होगा.पशु पालन और अन्य भारतीय प्रोडक्शन को हमें बढ़ावा देना होगा.किसान को प्रोत्साहन की जरूरत है."इस मौके पर सांसद गुप्ता ने कई और उदाहरण दिए.जिसमें उन्होंने भारत को ग्लोबल मार्केट की सबसे बड़ी संभावना बताया.

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सेमिनार में उपस्थित अतिथि और दीप प्रज्ज्वलन -Image Credits: Ravivar


वर्कशॉप में सोलिडेरिडाड के जीएम डॉ. सुरेश मोटवानी ने कहा-"हमें प्रसन्नता है कि प्रदेश के साथ हम अन्य राज्यों में भी किसानों को जोड़ने में सफल हुए.पुनर्योजी कृषि, जैविक (organic agriculture) और प्राकृतिक खेती (natural agriculture) का वह संयोजन है जिसमें सॉइल की सेहत को हम पुनः संवार सकते हैं. वेज ऑइल (vegetable oil) और खेती में हो रहे साकारत्मक नवाचार किसानों तक पहुंचाना ही संस्था का मकसद है."  
खासतौर पर मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय ने ऐसे आयोजन को किसानों के हित में बताया.              
इस सेमिनार में प्रदेशभर से किसान और एफपीओ से जुड़े पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.

साइंटिस्ट की सलाह से सुधर गई खेती 

इस मौके पर देवास ज़िले के किसान मुकेश पटेल ने कहा-"साइंटिस्ट की सलाह और संस्था के मार्गदर्शन  में मेरी खेती की ज़मीन की सेहत सुधर गई.संतुलित खाद और संतुलित केमिकल फ़र्टिलाइज़र के प्रयोग से मुझे बढ़िया उत्पादन मिला."     
इसी क्रम में उन्नत किसान लक्ष्मी नारायण, शांतिलाल, अर्जुन सिंह ने भी अपने अनुभव सांझा किए.  

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संस्था द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट करते जीएम मोटवानी-Image Credits: Ravivar


वर्कशॉप में आए अतिथि SOPA के डीएन पाठक ने कहा-"सोयाबीन हमारे राज्य की उत्पादकता की पहचान रही.संतुलित खाद पोषण का उपयोग कर खेती करें.'सोपा' हमेशा किसानों को सहयोग देने के लिए  साथ है."
विपपी इंडस्ट्री के राजकुमार पटेल ने सोयाबीन खरीदी में टेक्निक को बताया.रविवार विचार मैगज़ीन के सीईओ रोहन शर्मा ने वर्तमान कृषि और बदलते परिवेश को समझाया.आयोजन में समाज सेवी वंदना सिंह, विशाल नायक सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे. 
कार्यक्रम का संचालन पूर्वा वडवेकर ने किया.आभार संस्था के सहायक प्रबंधक अरविंद पाटीदार  ने माना.