भारत इस वक़्त अपने अमृत काल में है. यह समय देश के लिए एक नया सवेरा है जो देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का मौका अपने साथ लाया है. भारत हमेशा से ही एकता और स्वायत्तता का प्रतीक रहा है. और इस साल भारत गणतंत्रता का 75th Amrit Mahotsav मना रहा है. इसीलिए आज हम जानेंगे हमारे constitution से जुड़ी कुछ खास बात.
वैसे तो हम सभी जानते है की भारत का constitution लिखने वाले Dr. BR Ambedkar थे. लेकिन संविधान को संभव करने और अस्तित्व में लाने के पीछे और भी कई लोगों का योगदान रहा है. 75 वर्षों के बाद भी आज शायद हम उनके बारे में नहीं जानते. भारत के संविधान को लागू करने के लिए कुल 389 सदस्यों की सभा का निर्माण किया गया. जिसमें हर वर्ग से सदस्य चुने गए. Dr. Rajendra Prasad की अध्यक्षता में इस constituent assembly ने संविधान को लाया. इसी assembly में थी देश की 15 उत्कृष्ट महिलाएं भी जिनके योगदान के बारे में हमने शायद ही कभी बात की है. इस गणतंत्र दिवस से बेहतर शायद ही कोई अवसर होगा इन महिलाओं के बारे में जानने के लिए.
यह भी पढ़े - Boniyar की SHG महिलाएं बना रही तिरंगा!
कौन थी Indian Constitution की यह 15 महिलाएं?
हमारी महिलाओं के इतिहास के बारे में हमारी वर्तमान पढ़ाई और समझ ज़्यादातर उनके द्वारा लड़ी गई साहसी लड़ाइयों और मातृत्व को प्रमुखता से दिखाती है. समय आ गया है की हम अपने नज़रिये को बदलकर उनके द्वारा किये गए योगदानों की भी उतनी ही सराहना करें. हम निश्चित रूप से उनके द्वारा किए गए योगदान के बारे में भूल गए हैं. भारत के संविधान के निर्माण में 15 महिलाएं थी. इन महिलाओं ने कई मुश्किलों को सहन किया था. यह मुश्किलें थी बाल विवाह, विधवापन, अपमान, आदि. फिर भी, वे चर्चा, बहस करने और देश के लिए एक न्यायपूर्ण संविधान प्रदान करने के लिए संविधान सभा में बैठीं.
यह भी पढ़े - Republic Day 2024 में Women Parade
यह महिलाएं, अन्य सदस्यों की तरह, विविध क्षेत्रों से आती थीं. वह केवल महिलाओं के विचारों का ही नहीं, बल्कि विभिन्न व्यवसायों और सामाजिक रूप से वंचित लोगों के विचारों का भी प्रतिनिधित्व करती थीं. वह वकील, सुधारवादी और स्वतंत्रता सेनानी थीं और उनमें से कई महिला संगठनों से जुड़ नारीवादी आंदोलनों का हिस्सा बनीं. 1945 के चुनावों के बाद वे assembly में निर्वाचित या नामांकित हुईं.
Image - Ravivar Vichar