आजकल के बच्चों को इस महिला से मिलने की ज़रूरत है. कोई आलस नहीं, कोई तकलीफ नहीं.. आखें 20 साल की उम्र वाले लोगों से बेहतर, चश्मा नहीं... ना ही सुनाने में परेशानी... जितने की ज़रूरत है उतना ही भोजन...सुबह 4 बजे उठ जाना और इस उम्र में भी teenage वाला जोश और उमंग!
94 साल की उम्र में भी कर रही मजदूरी
बात हो रही है thrissur की 94 साल की (Labours in india) मेहनतकश श्रमिक कटरीना की. उन्होंने 64 साल पहले मजबूरी के चलते मजदूरी करना शुरू की थी. अपने बच्चों का पेट पालने के लिए उन्होंने सीमेंट और ईटों के साथ काम करना शुरू कर दिया था. बच्चें भूखे ना सोए इसीलिए दिन रात मेहनत करती थी कटरीना.
लेकिन आज उन्हें इस काम से प्यार हो गया है. कहते है ना- "अगर आपको आपका काम पसंद है तो वह कितना छोटा है या कितना बड़ा इससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता". बस ये ही सोचकर कटरीना आज तक पूरी शिद्दत से काम कर रही है.
वह इतनी मेहनत करती है लेकिन उनके चेहरे पर एक भी शिकन नहीं होती. वे अपने 4 बच्चों के लिए अपनी ज़मीन पर मकान बनवा चुकी है. अब उनका सपना है कि अपने लिए भी एक घर बनाए. कटरीना का जोश बेहद अलग है. वह मजदूरी जैसा मेहनत भरा काम कर रही है लेकिन थकान क्या होता है वह जानती ही नहीं है.