सोचिए कि आप 1983 में पहुंच गए है. सभी घरवाले आंगन में चाय और मठरी लिए बैठे, शान्ति से एक ही तरफ ध्यान दे रहे हैं, वर्ल्ड कप की commentary पर जो हो रही है टेबल पर रखे Radio पर...
Radio ने हम सभी के बचपन को बेशक काफ़ी entertaining बनाया है ना. Cricket की updates से लेकर पढ़ते वक़्त गाने सुनने तक, हमेशा हमारे साथ रहा है radio. पर क्या आपको पता है कि radio की शुरुआत असल में क्यों हुई थी? चलिए आज World Radio Day 2024 के मौके पर मैं बताती हूं...
World War I के दौरान हुई शुरुआत
1895 में telegram के तौर पर message transmitter की खोज की थी Italian inventor Guglielmo Marconi ने. इससे शुरुआत में Morse Code के ज़रिए communicate करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. बाद में 1920s में World War I के दौरान इस invention को government ने अपने communication के लिए खरीद लिया और इसमें सुधार कर radio के तौर पर military communication के लिए इसे युद्ध में गए सैनिकों को सौंप दिया.
दोनों ही विश्व युद्धों में communication का माध्यम बना यह radio आज दुनिया की 70% आबादी के entertainment और information का ज़रिया है. दुनिया के कोने-कोने तक radio कि frequencies आज पाई जा सकती है. भारत में भी Radio ने अपने 100 साल पूरे कर लिए है. 1923 में ब्रिटिश सरकार द्वारा इसे भारत में लाया गया था ताकि वह आपस में ज़रूरत के समय संपर्क कर सकें.
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भारतीयों के सामाजिक विकास में Radio की अहम भूमिका
1936 में All India Radio (AIR) की स्थापना के साथ ही भारत ने electronic media में अपना कदम रख दिया था. Radio का शुरुआती उपयोग किसानों के लिए खेती से जुड़े कार्यक्रम और खबरों से हुआ. समय के साथ बढ़ती technology से आज India के हर कोने में radio की पहुंच है. सिर्फ AIR की ही बात करें तो देश के 99.19% से भी अधिक क्षेत्र को cover कर हर जगह अपने पेअर गढ़ाए हुए है. इसी पहुंच के साथ भारत में आज सबसे अधिक consume होने वाला electronic medium बन गया है Radio.